संचालक (ऑपरेटर) | डीआरडीओ[1] |
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कोस्पर आईडी | 2019-006A |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
निर्माता | डीआरडीओ[1] |
लॉन्च वजन | 740 किलोग्राम (26,000 औंस) |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 24 जनवरी 2019 |
रॉकेट | ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन-सी44 |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
मिशन का अंत | |
निष्कासन (डिस्पोज़ल) | उपग्रह रोधी हथियार |
निष्क्रिय | उपग्रह रोधी हथियार परीक्षण का लक्ष्य, 27 मार्च 2019 |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकेंद्रीय |
काल | 274 किमी की ऊँचाई पर सूर्य तुल्यकाली कक्षा |
माइक्रोसैट-आर (Microsat-R) रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन[1] द्वारा निर्मित और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा प्रक्षेपित किया गया पृथ्वी अवलोकन उपग्रह था। जिसका उपयोग सैन्य उपयोग के लिए किया गया था।[2]
माइक्रोसैट-आर 24 जनवरी 2019 को 23:37 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के प्रथम प्रक्षेपण पैड से प्रक्षेपित किया गया था।[3] प्रक्षेपण ने ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन की 46 वीं उड़ान को चिह्नित किया।[4] उड़ान के 13 मिनट 26 सेकंड के बाद, माइक्रोसैट-आर को लगभग 277.2 किमी की लक्षित ऊंचाई पर इंजेक्ट किया गया था। इस प्रक्षेपण में पीएसएलवी के एक नए संस्करण की पहली उड़ान हुई थी। जिसे पीएसएलवी-डीएल बोला गया। जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन बूस्टर थे। जिनमें से प्रत्येक में ठोस प्रणोदक का 12.2-टन भार था।[5]
माइक्रोसैट-आर ने 27 मार्च, 2019 को भारतीय उपग्रह विरोधी परीक्षण प्रयोग के लिए लक्ष्य के रूप में कार्य किया।[6][7][8] इस उपग्रह विरोधी परीक्षण से मलबे के 250 से अधिक टुकड़े उत्पन्न हुए जिनके 45 दिनों के भीतर पुनः प्रवेश की उम्मीद है।[9]