मृत्यु के बाद विभिन्न संस्कृतियों में मानव शव का अलग-अलग प्रकार से प्रशमन (डिस्प्जल) करने की परिपाटी है। उपयुक्त प्रकार से एवं उपयुक्त समय पर शव का प्रशमन न करने से अस्वच्छता के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। अन्य जीवधारियों की भांति मनुष्य का शरीर भी मरणोपरान्त क्षय (डीकम्पोज) होने लगता है और इससे दुर्गंध आने लगती है।
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