मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ | |
---|---|
![]() | |
निर्देशक | शोनाली बोस[1] |
लेखक | शोनाली बोस |
निर्माता |
शोनाली बोस नीलेश मनियार |
अभिनेता |
कल्की केकलां[2] रेवथी सयानी गुप्ता |
छायाकार | ऐनी मिसावा |
संपादक | मोनिषा आर बलदावा |
संगीतकार | मिक्की मैकक्लेअरी |
निर्माण कंपनी |
|
प्रदर्शन तिथियाँ |
|
देश | भारत |
भाषायें |
हिंदी अंग्रेजी |
मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ, 2015 में प्रदर्शित एक भारतीय फ़िल्म है जिसको पहले छूने चली आसमान के नाम से भारतीय बाजार में और मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ नाम से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जाना गया है। इसका निर्देशन शोनाली बोस और इसमें कल्की केकलां मुख्य भूमिका में हैं।[3][4] कल्कि ने लड़की जोकि सेरिब्रल पाल्सी(cerebral palsy) से पीड़ित है का किरदार निभाया है।[5] यह फ़िल्म उस लड़की के संघर्ष के विषय में बताती है। इस फ़िल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 8 सितम्बर 2014 को टोरंटो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल में हुआ।[6][7][8] भारत में ये फ़िल्म 17 अप्रैल 2015 को रिलीज़ हुई।[9]
फ़िल्म ने नेटपैक अवार्ड वर्ल्ड , इंटरनेशनल एशियन फ़िल्म प्रीमियरऔर टोरंटो इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल 2014 (TIFF) में अवार्ड जीता। ये एकलौती भारतीय फ़िल्म थी जिसने पिछले साल (TIFF) में अवार्ड जीता। कल्की केकलां को एस्टोनिया (Estonia) में आयोजित टलिन ब्लैक नाइट्स फ़िल्म फेस्टिवल 2014 में बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड मिला।[10][11] फ़िल्म ने वेसोल फ़िल्म फेस्टिवल 2015 (Vesoul Film Festival) ,फ्रांस में ऑडियंस अवार्ड और यूथ ज्यूरी अवार्ड जीता।[12] बेस्ट कंपोजर के लिए एशियन फ़िल्म अवार्डस 2015 भी जीता ।[13][14]
लैला (कल्की केकलां) एक व्हीलचेयर पर रहने वाली सेरिब्रल पाल्सी (cerebral palsy) से पीड़ित एक किशोर लड़की है। वह दिल्ली विश्वविद्यालय की एक छात्रा है। जो एक महत्वकांक्षी लेखिका भी है वह यूनिवर्सिटी में एक इंडी बैंड के लिये लिरिक्स लिखती है व इलेक्ट्रॉनिक साउंड्स का भी निर्माण करती है। लैला कॉलेज के लीड सिंगर के प्यार करने लगती है पर उसका दिल टूट जाता है जब वह उसे नकार (रिजेक्ट) देता है। लेकिन वह शीघ्र ही इस घटना से उबर जाती है जब उसे न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में एक सेमिस्टर के लिये स्कॉलरशिप मिलती है। वह अपनी माँ (रेवथी) के साथ वहां चली जाती है। मेनहट्टन में रहते हुए उसकी मुलाकात एक आकर्षक जवान युवक जेरेड (विलियम मोसेले) से होती है जो उसे टाइपिंग में सहायता करने के लिए लगाया गया है। लैला की मुलाकात एक सक्रियातवादी (एक्टिविस्ट) ख़ानुम (सयानी गुप्ता) से भी होती है जो एक पाकिस्तानी बांग्लादेश मूल की लड़की है , जिसके साथ वो प्यार में पड़ जाती है। जैसे ही वो एक यात्रा की शुरुआत करती है तो उसे पता चलता है कि वह उभयलिंगी (बायसेक्सुअल) है क्योंकि ख़ानुम के साथ रहते हुए भी उसे जेरेड के प्रति आकर्षण का अनुभव होता है। ख़ानुम और लैला एक दूसरे से प्यार करते हैं इस बात से अनभिज्ञ( बेखबर) लैला की माँ उन दोनों को केवल एक दूसरे का मित्र ही समझती है। वह ख़ानुम को दिल्ली आ कर उनके साथ सर्दियों की छुट्टी बिताने का आग्रह करती है। इसी समय लैला अपनी माँ को अपनी सेक्सुअलिटी और उसके व ख़ानुम के बीच के रिश्ते के बारे में बताने का साहस जुटा पाती है। और यही बात आने वाली कहानी का निर्माण करती है।[6][8]
मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ को आलोचकों द्वारा काफी सराहा गया। SkjBollywoodNews.com के सुभाष के झा ने फ़िल्म को 5 में से 5 स्टार दिए और लिखा, "मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ जीवन के मज़े व खट्टे मीठे स्वाद को दर्शाती है। ये एक भावनाओं से परिपूर्ण जीवन की अंतहीन तलाश को दर्शाती है।"[16]
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
---|---|---|---|---|
1. | "दुसौकुटे (Dusokute)" | प्रसून जोशी | जोई बरुआ | 3:05 |
2. | "फॉरेन बलमवा" | प्रसून जोशी | सोनू कक्कड़ | 2:28 |
3. | "छूने चली आसमान" | प्रसून जोशी | रेचल वर्घेस | 3:05 |
4. | "आई नीड ए मैन" | विविने पोचा(Vivienne Pocha) | 2:45 |
{{cite web}}
: Check date values in: |archive-date=
(help)
{{cite web}}
: Check date values in: |archive-date=
(help)
{{cite web}}
: Check date values in: |archive-date=
(help)
{{cite web}}
: Check date values in: |access-date=
and |archive-date=
(help)
{{cite web}}
: Check date values in: |archive-date=
(help)