श्रृंखला का भाग | ||||||||||||||||||||||||||||
हदीस | ||||||||||||||||||||||||||||
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संबंधित विषय |
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मिश्कातुल मसाबीह (अंग्रेज़ी:Mishkat al-Masabih) हदीस की पुस्तक है जिसमे दो पुस्तकों को जोडकर एक किया गया है।
एक किताबुल मसाबीह है (इसके लेखक इमाम अल बघवी 438 एएच से 517 एएच तक हैं) और दूसरा मिश्कत है ( द्वारा लिखित : शेख वलीउद्दीन मुहम्मद बिन अब्दुल्ला अल खतीब अल अमरी तिब्रीज़ी में 600 एएच के अंत में मृत्यु हो गई)। बाद में दोनों पुस्तकों को मिलाकर 'मिश्कतुल मसाबीह' नाम दिया गया।
लेखक मुहम्मद इब्न अब्दुल्ला हैं, जिनका उपनाम वली-उद-दीन है और जिनका उपनाम अबू अब्दुल्ला है। तबरीज़ में जन्मे और ख़तीब तबरीज़ी के नाम से जाने गए। वह उस समय के प्रमुख विद्वानों द्वारा शिक्षित थे और आठवीं शताब्दी एएच के गौरवशाली विद्वानों की श्रेणी में शामिल हो गए थे। आपकी जीवनी अभी भी रहस्य में डूबी हुई है। [1]
अन्य भाषाओं में भी इसका अनुवाद हुआ है।
सुन्नी इस्लाम की कुतुब अल-सित्ताह -सहाह सत्ता (छह प्रमुख हदीस संग्रह) के साथ इसे भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
हदीस के निम्नलिखित छः विश्वसनीय संग्रह हैं जिनमें 29,578 हदीसें संग्रहित हैं :