प्रकार | दैनिक वर्तमान पत्र |
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प्रारूप | मुद्रित |
स्वामित्व | कामा परिवार |
संस्थापना | 1855 |
भाषा | गुजराती |
मुख्यालय | मुंबई, भारत |
जालपृष्ठ |
bombaysamachar |
मुंबई समाचार (गुजराती : મુંબઈ સમાચાર) भारत में प्रकाशित होने वाला गुजराती भाषा का समाचार पत्र है। इस्वी सन् १८२२ में इसका प्रकाशन शुरू हुआ था।[1] यह गुजराती का प्रथम समाचार पत्र तथा एशिया के सबसे पुराने वर्तमान पत्रों में से एक है। इसका मुख्यालय मुंबई में है और अहमदाबाद, वड़ोदरा, बंगलौर और नयी दिल्ली में इसकी शाखाएँ हैं। ये भारत सरकार के समाचारपत्रों के पंजीयक कार्यालय द्वारा आरएनआई क्रमांक से पंजीकृत है।[2]
१ मई १९६० को भाषा के आधार पर गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों के विभाजन से पूर्व ये दोनो प्रदेश बृहद मुंबई राज्य में शामिल थे। गुजराती और मराठी दोनो भाषा बोलने वाले लोग मुंबई में थे। तब भारत की आज़ादी से भी पूर्व के काल में १ जुलाई १८२२ के दिन गुजराती भाषा में मुंबई समाचार दैनिक के प्रकाशन की शरुआत हुई थी। यह एशिया का सब से पुराना और गुजराती भाषा का प्रथम अखबार है। पारसी परिवार ने इसके प्रकाशन की शरुआत की थी। ये समाचारपत्र १८३२ तक एक साप्ताहिक, १८५५ तक द्वि-साप्ताहिक और उसके बाद दैनिक के रूप में प्रकाशित हो रहा है। इसके संस्थापक पारसी विद्वान फ़ार्दून जी ने १८२२ में प्रथम देशी मुद्रणालय की स्थापना की थी और १८१४ में गुजराती पंचांग का इसमें मुद्रण करके प्रकाशित किया गया था। १८२२ से बोम्बे समाचार (अब मुंबई समाचार) का मुद्रण भी इसी मुद्रणालय में शरु किया गया।
भारत के मुक्ति संग्राम में इस अखबार ने अहम भूमिका निभाई है। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरु, वल्लभ भाई पटेल इत्यादि स्वातंत्र्य सेनानियों ने इस अखबार को उद्रुत्त किया है। गुजराती भाषा में पत्रकारिता की नीव मुंबई समाचार ने रखी। स्थापना के समय से ही सम्पादन नीति सनसनीखेज समाचार देने की नहीं किन्तु एक निष्पक्ष और इमानदार तरीके से घटनाओं को प्रस्तुत करने की रही है। प्रारंभ से आजतक इसका संचालन कामा परिवार के अलग-अलग व्यक्तियों के हाथों में रहा हैं।[3] आज भी ये समाचारपत्र का प्रकाशन आधुनिक मुद्रणालय द्वारा रंगारंग प्रारुप में होता है।