मुम्बई मोनोरेल | |||
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Seal of MMRDA Mumbai Monorail | |||
जानकारी | |||
क्षेत्र | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत | ||
यातायात प्रकार | स्ट्रेडल-बीम मोनोरेल | ||
लाइनों की संख्या | 1 | ||
स्टेशनों की संख्या | 18 | ||
प्रतिदिन की सवारियां | 125,000 (अनुमान) | ||
मुख्यालय | मुंबई | ||
प्रचालन | |||
प्रचालन आरंभ | 2 फ़रवरी 2014 | ||
स्वामि | मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमैंट अथॉरिटी | ||
गाड़ियों की संख्या | 6 | ||
ट्रेन की लंबाई | 4 कोच | ||
हैडवे | 15 मिनट | ||
तकनीकी | |||
प्रणाली की लंबाई | 19.54 किमी[1] | ||
विद्युतिकरण | 750 वोल्ट DC | ||
औसत गति | 32 किमी/घंटा[2] | ||
अधिकतम गति | 80 किमी/घंटा | ||
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मुम्बई मोनोरेल भारतीय महानगर मुम्बई आधारित मोनोरेल निकाय है जो नगर में सार्वजनिक परिवहन के विस्तार के लिए बनाया गया है। यह परियोजना मुम्बई महानगर प्रदेश विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई।[3] यह स्वतंत्र भारत की प्रथम मोनोरेल परियोजना है।[4][5] इससे पूर्व कुण्डाला वैली रेलवे और पटियाला स्टेट मोनोरेल ट्रेनवेज़ १९२० में बन्द हो गये थे।[6][5]
मुम्बई मोनोरेल का निर्माण कार्य जनवरी २००९ में आरम्भ हुआ और इसका प्रथम परिचालन रेखा का उद्धघाटन १ फ़रवरी २०१४ को हुआ।[7][8] मुम्बई मोनोरेल भारत की बहुप्रतीक्षित पहली मोनोरेल है। इसका उद्घाटन 1 फ़रवरी 2014 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने किया। पहली मोनोरेल मुंबई के वडाला मोनो रेल डिपो से दोपहर 3 बजकर 57 मिनट पर चली और लगभग 15 मिनट का सफर तय करके 4 बजकर 12 मिनट पर चेंबूर पहुंची। 2 फ़रवरी 2014 को इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया।[9][10]
प्रथम चरण में चेंबूर-वडाला के बीच दौड़ने वाली इस मोनोरेल के मार्ग की लंबाई 8.93 किलोमीटर है तथा इसमें सात स्टेशन हैं- वडाला, भक्ति पार्क, मैसूर कॉलोनी, बीपीसीएल, फर्टिलाइजर टाऊनशिप, वीएनपी-आरसी मार्ग जंक्शन और चेंबूर। रेल 31 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते हुए प्रथम चरण के पूरे मार्ग की यात्रा 15 से 20 मिनट में पूरी करेगी। मुंबई मोनोरेल का किराया 5-19 रुपये रखा गया है।[9][10]
मोनोरेल के आसमानी नीले, गुलाबी और हरे रंग के हर कोच में 20 यात्रियों के बैठने की जगह है जबकि अधिकतम 568 यात्री ट्रैवेल कर सकते हैं। प्लेटफॉर्मों की न्यूनतम ऊंचाई करीब 5.5 मीटर है। अपने ट्रैक पर आने वाले मोड़ के दौरान 40 डिग्री तक झुक जाती है जिससे इसकी यात्रा के आरामदेह रहने पर प्रश्नचिह्न भी लगाए जा रहे हैं।[9]
मुंबई मोनोरेल पर 3000 करोड़ रुपये की लागत आई है।[10]
दूसरे चरण में वडाला को दक्षिण मुंबई में संत गाडगे महाराज चौक से जोड़ा जाएगा। 19.17 किलोमीटर की यह दूरी मध्य 2015 तक पूरी होने का अनुमान है। पूरी तरह तैयार होने के बाद यह कॉरिडोर, जापान के ओसाका मोनोरेल (23.8 किलोमीटर) के बाद, दुनिया में दूसरा सबसे लंबा मोनोरेल कॉरिडोर होगा।[10]
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अमान्य टैग है; "times" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है