मेड़ता सिटी Meera Nagari | |
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Merta City | |
![]() चार
भुजा नाथ मंदिर / मीरा बाई मन्दिर | |
निर्देशांक: 26°39′00″N 74°01′59″E / 26.650°N 74.033°Eनिर्देशांक: 26°39′00″N 74°01′59″E / 26.650°N 74.033°E | |
देश | ![]() |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | नागौर ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 46,070 |
भाषा | |
• प्रचलित | राजस्थानी, मारवाड़ी, हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
मेड़ता भारत के राजस्थान राज्य के नागौर ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]
मेड़ता नगर राजस्थान राज्य के मध्यवर्ती नगर जोधपुर से 100 मील दूर है। लगभग सन् 1460 में स्थापित यह शहर एक समय में महत्त्वपूर्ण व्यापार का केन्द्र था। मेड़ता प्रसिद्ध कृष्ण भक्त-कवयित्री मीराबाई का जन्म स्थान माना जाता है। यहाँ राजपूत काल का एक दुर्ग है। 1562 ई. में इस दुर्ग को अकबर ने जीता था। नन्दलाल डे के अनुसार इसका प्राचीन भाग मार्तिकावत है। इसके आस-पास के क्षेत्रों में कई युद्ध हुए थे, जिनमें 1790 ई. में जयपुर और जोधपुर राज्यों की सेनाओं पर मराठों की विजय शामिल है। यहाँ पर चारभुजा नाथ, रावदुदा गढ, मीरा महल, मालफोर्ट व कई स्मारक प्रस्तर स्तम्भ स्थित हैं। यहाँ अकबर द्वारा निर्मित एक मस्जिद भी स्थित है।
मेड़ता तहसील की जनसंख्या 250000 है जिसमे से 95% हिन्दू, 5% मुसलमान धर्मावलम्बी हैं।
मालकोट दुर्ग का निर्माण रावमालदेव ने 1518 ई. के आसपास कराया था।
मेड़ता शहर की दक्षिण दिशा में पौराणिक और ऐतिहासिक कुण्डल सरोवर के किनारे मालकोट दुर्ग स्थित है। यह एक जल दुर्ग है। यहां कई लड़ाईयां लड़ी गई थीं। मुख्य रूप से राठौड़-मराठा युद्ध में चलाए गई तोपों के गोलों के निशान आज भी इस दुर्ग की प्राचीरों और बुर्जों पर स्पष्टता से देखे जा सकते हैं। इस दुर्ग का उपयोग सैन्य छावनी के रूप में किया जाता था। सुरक्षा की दृष्टि से इस दुर्ग के चारों ओर गहरी खाईयों में कुण्डल सरोवर का पानी भरा रहता था। दुर्ग में प्रतिहार काल की एक बावड़ी भी मौजूद है जो शिल्पकला की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। यह दुर्ग पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है।