मेरे रंग में रंगने वाली | |
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शैली | नाटक प्रेम |
निर्माणकर्ता | राजश्री प्रोड्क्शनस् |
अभिनीत | समृद्ध बावा प्रणाली घोघड़े आलोक नाथ डॉली सोही |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
सीजन की सं. | 1 |
एपिसोड की सं. | कुल 170 |
उत्पादन | |
उत्पादन स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
कैमरा स्थापन | बहू-कैमरा |
प्रसारण अवधि | लगभग 24 मिनट |
उत्पादन कंपनी | राजश्री प्रोड्क्शनस् |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | लाइफ ओके |
प्रसारण | 17 नवम्बर 2014 अगस्त 28, 2015 | –
मेरे रंग में रंगने वाली एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है,[1] जो 17 नवम्बर 2014 से लाइफ ओके पर प्रसारित होना आरम्भ हुआ है। यह धारावाहिक राजश्री प्रोड्क्शनस् द्वारा निर्मित है।
राधा मुंबई में अपने परिवार के साथ रहती है। लीलाधर और राधा में हमेशा झगड़ा होता रहता है। एक दिन लीलाधर उसके साथ मज़ाक करने के लिए दोनों की शादी हो गई है, का झूठ बोल देता है। यह खबर इंटरनेट पर तेजी से फैल जाती है। दोनों परिवार को जब राधा और लीलाधर की शादी के बारे में पता चलता है तो वह दोनों को एक साथ रहने के लिए कहते हैं। बाद में लीलधर को राधा से प्यार हो जाता है।
बाद में कई बार कहने के बाद राधा साथ रहने के लिए राजी हो जाती है। लेकिन वह मथुरा तभी चलने की बात कहती है, जब लीलधर उसके तलाक के कागजात पर हस्ताक्षर कर दे। वहीं लीलधर उसके दिल को जीतने की कोशिश करता है। राधा को भी यह एहसास होता है की वह भी लीलधर से प्यार करती है। दादाजी यह तय करते हैं कि उन दोनों की शादी सारे रीति रिवाजों के साथ हो। लेकिन इसमें दादाजी का विचार उसे घर से बाहर फेकने का होता है।
दादाजी उससे एक कागजात पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं। राधा बिना देखे हस्ताक्षर कर देती है। जिसमें उसके परिवार के खिलाफ शिकायत होती है कि उसके परिवार वाले उसे सताते हैं। लेकिन शादी के दिन दादाजी राधा के मन में लीलधर के लिए प्रेम देख कर यह फैसला रद्द कर देते हैं। लेकिन राधा के दो चाचा नहीं चाहते कि दादाजी अपने फैसले से पीछे हटें। इस लिए वह उस शिकायत को पुलिस तक पहुंचा देते हैं। इसके बाद पुलिस आकार परिवार के कई सदस्यों को गिरफ्तार कर लेती है। राधा पुलिस थाना जाती है और कहती है कि उसने ऐसा कोई शिकायत तर्ज नहीं कराया है। लेकिन तभी पुलिस उसे शिकायत पत्र दिखती है। जिसमें दादाजी ने उससे दस्तखत लिए थे। इस कारण वह उन पर आरोप न लगे इस कारण स्वयं इस शिकायत को करने का कह देती है। राधा कहती है कि उसने यह सब लीलधर से बदला लेने के लिए किया है। उसी दिन दादाजी को लकवा हो जाता है। इस शिकायत के कारण उसे घर से निकाल दिया जाता है।
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