मैं प्रेम की दीवानी हूँ | |
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मैं प्रेम की दीवानी हूँ का पोस्टर | |
निर्देशक | सूरज बड़जात्या |
पटकथा | सूरज बड़जात्या |
कहानी |
सूरज बड़जात्या सुबोध घोष |
निर्माता |
अजीत कुमार बड़जात्या कमल कुमार बड़जात्या राजकुमार बड़जात्या |
अभिनेता |
ऋतिक रोशन, करीना कपूर, अभिषेक बच्चन |
संगीतकार | अनु मलिक |
वितरक | राजश्री प्रोडक्शन्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
26 जून, 2003 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
मैं प्रेम की दीवानी हूँ 2003 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य हास्य प्रेमकहानी फिल्म है। इसका निर्देशन सूरज बड़जात्या ने किया और निर्माण राजश्री प्रोडक्शन्स द्वारा किया गया। यह फिल्म 1976 की फिल्म चितचोर की पुनर्निर्माण है और इसमें प्रमुख भूमिकाओं में ऋतिक रोशन, करीना कपूर और अभिषेक बच्चन हैं।
संजना (करीना कपूर) युवा महिला है, जो जिंदादिली से भरपूर रहती है। उसने कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है और वो माता-पिता द्वारा तय किये जाने वाली विवाह की अवधारणा से खुश नहीं है। उसकी मां सुशीला (हिमानी शिवपुरी) इससे उससे निराश रहती है। रूपा - संजना की बड़ी बहन जो यू.एस. में बस गई है, अपने माता-पिता को फोन करती है। वह उन्हें बताती है कि उसके दोस्त प्रेम ने संजना की तस्वीर देखी है और उसको वो पसंद आई है। प्रेम एक अमीर व्यापारी है जो यू.एस. में अपने माता-पिता के साथ बस गया है। संजना इस घटनाक्रम से प्रसन्न नहीं होती परंतु अंत में वह प्रेम किशन (ऋतिक रोशन) से मिलती है।
शुरुआत में संजना उत्साही और दोस्ताना व्यवहार वाले प्रेम को सहन ही नहीं कर पाती, और वह अपने दोस्तों के साथ उस पर कई शरारत करती है। जैसे-जैसे वे एक साथ अधिक समय बिताना शुरू करते हैं, वे अपने मतभेदों को अलग करते हैं और अंततः प्यार में पड़ जाते हैं। संजना के माता-पिता बहुत खुश होते हैं - जो भी प्रेम से प्यार करते हैं। प्रेम यू.एस में काम के सिलसिले में जाता है और संजना से वादा करता है कि वह जल्द ही वापस आ जाएगा। हालाँकि, अचानक रूपा परिवार को सूचित करती है कि उसका मित्र प्रेम नहीं आ सका इसलिए उसने उसके स्थान पर किसी और को भेजा है।
संजना के भ्रमित माता-पिता यह पता लगाते हैं कि यहाँ जो आदमी है वह वास्तव में अमीर एनआरआई प्रेम कुमार नहीं है, जिसे संजना से मिलना था। इसके बजाय, वह प्रेम कुमार की कंपनी में एक कर्मचारी प्रेम किशन है। प्रेम कुमार (अभिषेक बच्चन) जल्द ही संजना से मिलने के लिए आता है, और संजना के लिए उसके मन में भावनाएं शुरू होती हैं। संजना की मां धीरे-धीरे प्रेम कुमार की ओर उसे धकेलने की कोशिश करती है, हालाँकि उसके पिता (पंकज कपूर) संदेह में हैं क्योंकि वह जानते हैं कि संजना और प्रेम किशन एक-दूसरे कितना प्यार करते हैं। प्रेम कुमार और संजना एक साथ समय बिताना शुरू करते हैं और अपने सामान्य हितों के कारण दोस्त बन जाते हैं। लेकिन संजना प्रेम किशन के प्रति प्रतिबद्ध है। प्रेम किशन संजना के घर लौट आता है, जहां उसकी मां उससे रूखा व्यवहार करती हैं। वो देखता है कि प्रेम कुमार के मन में संजना के लिए लगाव बनता जा रहा हैं। वह भावनात्मक रूप से संजना को सच बताता है - कि उसके मालिक को उससे शादी करनी चाहिए, न कि उसे। संजना टूट जाती है।
संजना और प्रेम कुमार के लिए उनकी संबंधित मांओं द्वारा विवाह का फैसला किया जाता है। प्रेम किशन की निष्ठा और उसके मालिक की खुशी के प्रति वफादारी ये विवाह को होने देती है। जबकि टूटे हुए दिल से संजना केवल अपने माता-पिता के लिए सहमत होती है। आखिरकार, प्रेम कुमार सच जान जाता है और प्रेम किशन के साथ संजना को एकजुट कर देता है।
सभी गाने हिट थे लेकिन अनु मलिक को इसके लिए फिल्मफेयर नामांकन नहीं मिला। इस एल्बम में दक्षिण भारत की सनसनीखेज गायिका के॰ एस॰ चित्रा शामिल हैं। यह पहली बार है कि उन्होंने किसी भी हिन्दी फिल्म में बड़ी संख्या में गीत (11 में से 8) गाए। भारतीय व्यापार वेबसाइट बॉक्स ऑफिस इंडिया के मुताबिक, इसके करीब 16,00,000 यूनिट बेचे गए और इस प्रकार इस फिल्म की एल्बम साल की सातवीं सबसे ज्यादा बिकने वाली हुई थी।[1]
सभी गीत देव कोहली द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "चली आई चली आई" | के॰ एस॰ चित्रा, केके | 6:11 |
2. | "संजना... आई लव यू" | सुनिधी चौहान, केके, के॰ एस॰ चित्रा | 7:39 |
3. | "बनी बनी बनी रे बनी" | के॰ एस॰ चित्रा | 7:02 |
4. | "और मोहब्बत है" | शान | 5:48 |
5. | "ओ अजनबी मेरे अजनबी" (उल्लसित संस्करण) | के॰ एस॰ चित्रा, केके | 6:42 |
6. | "कसम की कसम है कसम से" | के॰ एस॰ चित्रा, शान | 6:02 |
7. | "पापा की परी हूँ मैं" | सुनिधी चौहान | 5:34 |
8. | "लड़का ये कहता है लड़की से" | केके | 6:07 |
9. | "ओ अजनबी मेरे अजनबी" (दुखी संस्करण) | के॰ एस॰ चित्रा | 6:13 |
10. | "भटके पंछी भूल ना जाना" | के॰ एस॰ चित्रा | 2:57 |
11. | "प्रेम! प्रेम! प्रेम!" | शान, के॰ एस॰ चित्रा, केके | 4:47 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2004 | अभिषेक बच्चन | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित |