मोह दीर्घकालिक लक्ष्यों के डर से किसी लघुकालिक आनन्द में अपने आप की इच्छा जागृत करने की प्रवृति को कहते हैं।[1]
मोह का अर्थ है किसी से तीव्र लगाव चाहे वो सजीव हो या निर्जीव, जिसके लिए कभी कभार उचित अनुचित की समझ या विवेक भी शून्य होजाता है!
- ↑ Webb, J.R. (Sep 2014). Incorporating Spirituality into Psychology of temptation: Conceptualization, measurement, and clinical implications. Spirituality in Clinical Practice. 1.3. PP: 231-241 (मोह के तुल्य अंग्रेज़ी शब्द टेम्पटेशन का उल्लेख)