मोहम्मद आसिफ (जन्म २० दिसंबर १९८२) एक पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी है जो पाकिस्तानी राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए खेलते थे।
आसिफ का जन्म शेखूपुरा में एक जमींदार गुर्जर परिवार में हुआ था और उन्होंने खान रिसर्च लैब्स, नेशनल बैंक, क्वेटा, शेखूपुरा, सियालकोट और लीसेस्टरशायर के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेला है। उन्होंने जनवरी २००५ में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत की। २०१० में, डेल स्टेन के बाद आसिफ दूसरे प्रमुख टेस्ट गेंदबाज थे।[1]
२००६ में, आसिफ ऐनबालिक स्टेरॉयड नांद्रोलोन में सकारात्मक परीक्षण करने के बाद विवादों में आये थे जिसके कारण प्रतिबंध लगाया गया लेकिन अपील करने के बाद प्रतिबन्ध हटा दिया गया था। बाद में उन्हें पाकिस्तान की टीम में २००७ क्रिकेट विश्व कप के लिए बिना किसी चोट के बाहर कर दिया गया। इसके बाद आसिफ को लेकर विवाद तब और बढ़ गया जब उन्हें दुबई में ड्रग्स को लेकर चर्चा में आये और फिर इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान प्रतिबंधित पदार्थ के लिए सकारात्मक परीक्षण किया गया। अगस्त २०१० में उन्हें सट्टेबाजी करते हुए पाया गया था जब उन्होंने पैसों के लिए जानबूझकर नो-बॉल फेंकी थी।[2] इसके बाद ५ फरवरी २०११ को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसीस) द्वारा नियुक्त एक ३ व्यक्ति ट्रिब्यूनल ने फैसला दिया कि उन्हें ७ साल के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा, जिनमें २ साल निलंबन रहेगा अगर कोई और अपराध नहीं हुआ तो। नवंबर २०११ में, स्पॉट फिक्सिंग से संबंधित साजिश के आरोपों में पाकिस्तान के अन्य क्रिकेटर सलमान बट और मोहम्मद आमिर के साथ आसिफ को दोषी ठहराया गया था। ३ नवंबर २०११ को, सट्टेबाजी में उनकी भूमिका के लिए आसिफ को एक साल की जेल की सजा भी दी गई थी।
१९ अगस्त २०१५ को, आईसीसी ने अपने पिछले आदेशों को स्थगित करते हुए आसिफ को खेल के सभी प्रारूपों में खेलने की अनुमति दे दी। उन्होंने प्रतिबन्ध के बाद अपना पहला मैच वॉटर एंड पॉवर डिवेलपमेंट ऑथोरिटी के लिए २०१६-१७ क़ायद-ए-आज़म ट्रॉफी के तीसरे राउंड में खेला।[3]