ये साली जिंदगी | |
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![]() रिलीज़ पोस्टर | |
निर्देशक | सुधीर मिश्रा |
निर्माता | प्रकाश झा |
अभिनेता |
इरफ़ान खान अरुणोदय सिंह चित्रांगदा सिंह अदिति राव हैदरी |
छायाकार | सचिन कुमार कृष्णन |
संगीतकार |
निशात खान अभिषेक रे |
वितरक | सिने रास एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड |
प्रदर्शन तिथि |
२०११[1] |
लम्बाई |
१३४ मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिंदी |
लागत | ₹ ८ करोड़ |
कुल कारोबार | ₹ १०.७५ करोड़[2] |
ये साली जिंदगी २०११ की एक हिन्दी रोमांटिक थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन सुधीर मिश्रा ने किया है। इस फिल्म में इरफान खान, चित्रांगदा सिंह, अरुणोदय सिंह और अदिति राव हैदरी मुख्य भूमिकाओं में हैं। [3] यह फिल्म ४ फरवरी २०११ को रिलीज़ हुई थी।[4] आलोचकों ने इस फिल्म की सकारात्मक प्रशंशा की, और यह बॉक्स ऑफिस पर सफल रही थी।[5]
अरुण (इरफान खान) एक चार्टर्ड एकाउंटेंट है, जो श्री मेहता (सौरभ शुक्ला) के लिए काम करता है और उसे उसके अवैध व्यापार चलाने में मदद करता है। अरुण प्रीति (चित्रांगदा सिंह) से प्यार करता है, लेकिन वह श्याम (विपुल गुप्ता) के साथ प्यार में पड़ जाती है। प्रीति को श्याम से अरुण ने ही मिलवाया होता है।
दिल्ली का एक गुंडा, बड़े (Yashpal Sharma), मंत्री वर्मा (अनिल शर्मा) के विश्वास से गिर जाता है, और फिर उसे जेल हो जाती है, जहाँ मंत्री के आदेश पर उसे रोज़ पीटा और ज़लील किया जाता है। सतबीर (सुशांत सिंह) एक बेईमान पुलिस अफसर है, जो बड़े के लिए काम करता है और जेल में उसकी मदद करता रहता है। कुलदीप (अरुणोदय सिंह), जो बड़े के साथ ही जेल मैं है, जय से छूट जाता है और अपनी पत्नी शांति (अदिति राव हैदरी) के साथ रहने चला जाता है।
बड़े का भाई, छोटे (प्रशांत नारायणन) अपने गिरोह के सदस्यों, कुलदीप, टोनी, चाचा, गुड्डू और दूसरों के साथ वर्मा के होने वाले दामाद श्याम और उसकी बेटी अंजलि (माधवी सिंह) के अपहरण की योजना बनता है, ताकि वह उनके बदले बड़े को जेल से रिहा करवा ले। लेकिन छोटे का ये दांव उल्टा पड़ जाता है, जब वह श्याम के साथ अंजलि की जगह प्रीती का अपहरण कर लेता है। अरुण उनके आहरण के समय से ही उन लोगों का पीछा कर रहा होता है, लेकिन इस बात से अनजान प्रीती श्याम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए, अपराधियों की ओर से वर्मा से बात करने को राजी हो जाती है। इसी बाबत वह अंजलि, वर्मा और श्याम के पिता सिंघानिया (नासिर अब्दुल्ला) से भी मिलती है।
हालांकि, वर्मा, को श्याम और प्रीती के चक्कर के बारे में पता चल जाता है और वह बड़े की रिहाई करवाने से मना कर देता है। अरुण, इस बीच में, अवैध स्थानान्तरण से हवाला का धन वर्मा के बेटे के बैंक खातों में जमा करवा देता है और फिर उसे बड़े की रिहाई के बदले में यह जानकारी मीडिया में लीक करने की धमकी देता है। हालांकि, धीरे धीरे यह साफ़ हो जाता है कि छोटे की योजन केवल बड़े के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करने की है, जिसके बाद वह उसे मार देगा। यह पता चलने के बाद बड़े अपने सभी विदेशी बैंक खातों की जानकारी कुलदीप को दे देता है।
जब बड़े को जेल से बचाया जा रहा होता है, छोटे अप्रत्याशित रूप से जॉर्जिया से आ जाता है और बड़े से उसकी मुलाकात होती है। इस बीच, पुलिस भी वहां पहुंच जाती है, और गोलीबारी में, कुलदीप और उसके गिरोह की मदद से बड़े वहां से भाग निकलता है। हालांकि, उसकी पीठ में गोली लग जाती है और वह बाद में आत्महत्या कर लेता है। बड़े की मौत के बाद छोटे कुलदीप के पीछे पड़ जाता है। छोटे से बचने के लिए कुलदीप देश छोड़ने का फैसला ले लेता है और श्याम के पिता से फिरौती के ₹ १५ करोड़ की मांग करता है। प्रीति, सिंघानिया से बात करने की आड़ में, अरुण को भी कॉल लगा देती है। अरुण थोड़ी देर में वहां पहुँच जाता है, और प्रीति को बताता है कि उसने ₹ १७ करोड़ उसके खाते में डाल दिए है, और उन पैसो से प्रीती श्याम के साथ एक सुखी जीवन बिता सकती है। प्रीति को तब पता चलता है कि वह वास्तव में अरुण से प्यार करती है।
प्रीति सारे पैसों को एक बंदरगाह पर ले आती है, जहां से कुलदीप भागने की योजना बना रहा होता है। छोटे भी वहाँ तक पहुँच जाता है, लेकिन सतबीर उसे धोखा दे देता है, और फिर अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए कुलदीप छोटे को वहीं मार देता है। वहां हुई गोलीबारी में अरुण भी घायल हो जाता है। सभी अपराधी मौके से फरार हो जाते हैं और प्रीति अरुण को यह कबूल करती है कि वह उसे ही प्यार करती है।
फिल्म को आलोचकों से सकारात्मक प्रशंसा मिली। टाइम्स ऑफ इंडिया के निखत काज़मी ने फिल्म को ५ में से ४.५ अंक दिए। [6]
रीडिफ.कॉम से सुकन्या वर्मा ने ५ में से ३.५ अंक देते हुए मिश्रा और मनु ऋषि के काम की तारीफ़ की।[7]
दैनिक भास्कर से राजीव मसंद ने फिल्म को ५ में से ३ अंक दिए। [8]
इण्डिया टुडे से कावेरी बामजई ने इसे ५ में से ३ अंक दिए और उन्होंने सभी कलाकारों के अभिनय की प्रशंशा की। [9]
डीएनए से ब्लेस्सी चेट्टियर ने भी इसे ५ में से ३ अंक देते हुए इसकी मनोरंजक कहानी को पसंद किया। [10]
हिंदुस्तान टाइम्स से मयंक शेखर ने इस फिल्म को ५ में से ३ अंक दिए। [11] समीक्षा एग्रीगेटर वेबसाइट ReviewGang पर फिल्म को ६.५/१० रेटिंग प्राप्त हुई। [12] इसके अतिरिक्त रॉटेन टमेटोज़ वेबसाइट पर फिल्म को ७५% रेटिंग प्राप्त हुई। [13]
ये साली ज़िंदगी को बॉक्स ऑफिस पर अच्छी शुरुआत मिली और पहले तीन दिनों में ही इसने ४.५ करोड़ रूपये की कमाई कर ली थी.[14] अपने पहले सप्ताह में फिल्म ने ७.५ करोड़ रूपये कमाए परन्तु अगले हफ्ते पटियाला हाउस फिल्म रिलीज़ हो जाने के कारण अपने दूसरे सप्ताह में यह सिर्फ ₹३ करोड़ ही कमा पायी। फ़िल्म की कुल कमाई ₹१०.७५ करोड़ है।[15][16] कमाई के आधार पर इसे "औसत" घोषित किया गया। [17]
ये साली जिंदगी | |
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फ़िल्मी गीत निशात खान द्वारा | |
संगीत शैली | फ़िल्म |
लंबाई | 39:19 |
भाषा | हिन्दी |
लेबल | टी-सीरीज |
सितारवादक निशात खान ने फिल्म के संगीत की रचना की है, और स्वानन्द किरकिरे द्वारा फिल्म के गीत लिखे गए हैं। "ये साली जिंदगी" गीत अभिषेक रे द्वारा गाया और रचित किया गया है।
गीत | |||
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क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
1. | "दिल दर ब दर" | शिल्पा राव एवं जावेद अली | ५:५४ |
2. | "इश्क़ तेरे जलवे" | शिल्पा राव एवं जावेद अली | ५:३७ |
3. | "कैसे कहें अलविदा" | जावेद अली | ४:१५ |
4. | "सारारारा" | सुखविंदर सिंह | ५:२१ |
5. | "सारारारा" | जावेद अली | ५:२१ |
6. | "ये साली ज़िन्दगी" | सुनिधि चौहान, कुणाल गांजावाला एवं शिल्पा राव | ५:०१ |
7. | "ये साली ज़िन्दगी (बोनस)" | अभिषेक रे | ३:२८ |
8. | "ये साली ज़िन्दगी (फीमेल वर्ज़न)" | सुनिधि चौहान एवं शिल्पा राव | ५:०२ |