येस बॉस | |
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येस बॉस का पोस्टर | |
निर्देशक | अज़ीज़ मिर्जा |
लेखक | संजय छेल (संवाद) |
पटकथा | मंगेश कुलकर्णी |
कहानी | अज़ीज़ मिर्जा |
निर्माता |
रतन जैन उमेद जैन |
अभिनेता |
शाहरुख़ ख़ान, आदित्य पंचोली, जूही चावला, कश्मीरा शाह, गुलशन ग्रोवर, अशोक सर्राफ, जॉनी लीवर, रीमा लागू |
संगीतकार | जतिन-ललित |
प्रदर्शन तिथियाँ |
18 जुलाई, 1997 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
येस बॉस 1997 में बनी हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका कहानी लेखन और निर्देशन अज़ीज़ मिर्जा ने किया है और मुख्य किरदार शाहरुख खान, जूही चावला और आदित्य पंचोली ने निभाए हैं।[1] फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक सफलता थी और बॉक्स ऑफिस इंडिया द्वारा इसे "हिट" घोषित किया गया था। अब इस फिल्म के अधिकार शाहरुख खान की रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के स्वामित्व में हैं।
गरीब ग्रामीण राहुल (शाहरुख खान) अमीर बनना चाहता है। वह अपने मालिक (बॉस) सिद्धार्थ (आदित्य पंचोली) के यहाँ नौकरी करता हैं। सिद्धार्थ ने एक अमीर महिला (कश्मीरा शाह) को फंसा लिया है और राहुल अपने मालिक के चक्कर को गुप्त रखने में ओवरटाइम पैसा कमाता है। फिर सीमा (जूही चावला) आती है जो एक महत्वाकांक्षी युवा महिला है। राहुल और सीमा मिलते हैं और एक-दूसरे से आकर्षित होते हैं लेकिन सिद्धार्थ भी सीमा से आकर्षित होता है और राहुल से उसे फंसाने में मदद करने के लिए कहता है। असहाय राहुल ऐसा करता है, लेकिन उसके दिल में कहीं गहराई में सीमा के लिए लगाव है।
फिर भी, राहुल के प्रयासों के कारण सीमा सिद्धार्थ के व्यक्तित्व और व्यावसायिक कौशल से प्रभावित होती है। लेकिन सीमा धीरे-धीरे समझने लगती है कि सिद्धार्थ वास्तव में कैसा है और राहुल की दिल की शुद्धता के कारण उसे पसंद करना शुरू कर देती है। राहुल ने सीमा को अपनी मां (रीमा लागू) से मिलाया, जो हृदय रोगी है और जीवन में किसी भी चौंकाने वाली खबर या तनाव से संवेदनशील है। अब, दुर्भाग्य से और गलती से, भूषण (गुलशन ग्रोवर) राहुल की मां को बताता है कि राहुल और सीमा विवाहित है। अब, अपनी मां को चौंकाने से बचाने के लिए, राहुल और सीमा पति और पत्नी के रूप में खुशी से विवाहित जोड़े होने के नाटक को आगे बढ़ाते हैं और वे इस प्रक्रिया में प्यार में पड़ जाते हैं।
जब सिद्धार्थ जान जाता है कि राहुल सीमा से प्यार करता है तो वह तुरंत राहुल को निकाल देता है और किसी और को काम पर रखता है। राहुल ने उसे जवाब दिया और कहा कि वह सिद्धार्थ को अपने मालिक के रूप में नहीं चाहता और सीमा भी इस्तीफा दे देती है। इस झगड़े के बाद, सीमा शानदार जीवन को छोड़ गाँव में राहुल और उसकी बीमार मां के साथ अपना बाकी जीवन व्यतीत करने का फैसला करती है।
फिल्म के साउंडट्रैक में 6 गाने हैं। अधिकांश गीत अभिजीत भट्टाचार्य द्वारा गाए गए हैं और उन्होंने "मैं कोई ऐसा गीत गाँऊं" गीत के लिए अपना पहला फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार जीता।
सभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत जतिन-ललित द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "चाँद तारे तोड़ लाऊँ" | अभिजीत | 4:49 |
2. | "चूड़ी बजी है कहीं" | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 5:05 |
3. | "एक दिन आप यूँ" | कुमार सानु, अलका याज्ञनिक | 4:26 |
4. | "जाता है तू कहाँ" | अभिजीत | 5:40 |
5. | "मैं कोई ऐसा गीत गाँऊं" | अभिजीत, अलका याज्ञनिक | 5:17 |
6. | "सुनिए तो" | अभिजीत | 5:14 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1998 | अभिजीत ("मैं कोई ऐसा गीत गाँऊं") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत |
शाहरुख खान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
जूही चावला | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
जतिन-ललित | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | नामित | |
जावेद अख्तर ("चाँद तारे तोड़ लाऊँ") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | नामित | |
आदित्य पंचोली | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार | नामित |