राजधानी एक्स्प्रेस | |
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Overview | |
सेवा प्रकार | विभिन्न राज्यों की राजधानियों को दिल्ली से जोड़ना। |
स्थिति | संचालित |
प्रथम सेवा | मार्च 3, 1969 |
वर्तमान संचालक | भारतीय रेलवे |
जालस्थल | http://indianrail.gov.in |
रूट | |
ट्रेन संख्या(एँ) | 25 |
सवारी सेवाएँ | |
यात्रा वर्ग | फर्स्ट क्लास एसी, एसी 2-टियर, एसी 3-एसी |
बैठक व्यवस्था | हाँ |
सोने की व्यवस्था | हाँ |
अवलोकन सुविधाएँसुविधाएँ | बड़ी खिड़कियां |
सामग्री सुविधाएँ | सीट के नीचे |
तकनीकी | |
रोलिंक स्टॉक | एलएचबी रेक्स |
रेल गेज | भारतीय गेज 1,676 मि॰मी॰ (5 फीट 6 इंच) |
संचालक गति | अधिकतम 130–140 किमी/घंटा (81–87 मील/घंटा) |
ट्रैक मालिक | भारतीय रेलवे |
राजधानी एक्सप्रेस भारतीय रेल की एक पैसेंजर रेल सेवा है जो भारत की राजधानी दिल्ली को देश के विभिन्न राज्यों की राजधानी को जोड़ता है।
सबसे पहले राजधानी एक्सप्रेस की शुरुआत 1969 मे तेज चलने वाली ट्रेन सेवा के रूप में की गयी थी जिसकी गति आम रेलों (70 किलोमीटर/प्रति घंटा) की तुलना में काफी अधिक (140 किलोमीटर /घंटा) रखी गयी थी।
इन रेलों को भारतीय रेल सेवा में उच्च वरीयता वाली श्रेणी में रखा गया है। ये ट्रेनें पूरी तरह वातानुकूलित होती हैं। इसपर सफर करने वाले यात्रियों को सोने के लिए बिस्तरों के साथ साथ भोजन भी दिया जाता है जिसकी लागत किराये में शामिल होती है। प्राय: इन सभी ट्रेनों में तीन श्रेणियाँ होती हैं - प्रथम श्रेणी वाता, जिसमें 2 से 4 बर्थ होते हैं और इन्हें अंदर से कमरे की तरह बंद किया जा सकता है, द्वितीय श्रेणी वाता, जिसमे दोनो तरफ दो दो बर्थ होते हैं और थोड़ी निजता के लिए पर्दे लगे होते हैं, तृतीय श्रेणी वाता, जिसमें दोनो तरफ तीन तीन बर्थ होते हैं और इनमे पर्दे नहीं लगे होते।
वर्तमान में लगभग 15 जोड़ी राजधानी एक्सप्रेस गाड़ियाँ चलायी जा रही हैं: जो नयी दिल्ली को अहमदाबाद, बंगलोर, भुवनेश्वर, बिलसपुर, चेन्नई, गुवाहाटी/डिब्रूगढ, राँची, कोलकाता, जम्मू, मुंबई, पटना, सिकंदराबाद तथा त्रिवेंद्रम से जोड़ती है।