राजभवन ऊटी भारत के तमिल नाडु राज्य के राज्यपाल का आधिकारिक ग्रीष्मकालीन आवास है। यह तमिल नाडु के हिल स्टेशन ऊटी में स्थित है। के. रोसइया यहाँ के वर्तमान राज्यपाल हैं जिन्होंने ३१ अगस्त २०११ को पदभार ग्रहण किया था।[1]
१८७६ में, सरकार द्वारा ऊपरी नॉर्वुड और निचले नॉर्वुड को खरीदने का निर्णय लिया गया, जो उस समय ल्वैरेन्स आश्रयालय के पास था और ऊटाकामुण्ड (ऊटी) में सरकारी आवास निर्माण के प्रयास आरम्भ किए गए। बकिंघम के ड्यूक, जिन्होंने इस खरीद की पहल की थी, ने दोनों नॉर्वुड (ऊपरी और निचले) और गार्डन कॉटेज को अपने स्वामित्व में ले लिया। एक बार के निवास के पश्चात, गवर्नर इस बात को लेकर आश्वस्त था की ऊपरी नॉर्वुड गवर्नर के रहने के लिए उपयुक्त स्थान नहीं है। मद्रास लौटने के तुरन्त बाद ही, ड्यूक ने दो तलीय भवन का प्रस्ताव रखा जो गवर्नर के परिवार के लिए सम्पूर्ण निवास और सार्वजनिक अगवानी कमरे वहन कर सके।[2] १८७८ और १८८१ के मध्य सरकारी निवास के निर्माण के लिए विभिन्न मूल्यानुमान तैयार किए गए और ४,०२,९१४ रुपए के अन्तिम मूल्यानुमान को स्वीकृत किया गया।[2] लेकिन इस मूल्यानुमान में भवन को सुस्सजित करने की लागत सम्मिलित नहीं थी और इसलिए जुलाई १८८८ में एक विस्तृत मूल्यानुमान तैयार किया गया जो ७,७९,१५० रूपए का था।[2] आखिरकार सरकारी निवास ७,८२,६३३ रुपए की लागत के साथ तैयार हुआ।[2]
१८९९ में इस भवन में उपकक्षों के साथ एक बॉल रूम जोड़ा गया और १९०४ में पूरे परिसर के लिए विद्युत प्रतिष्ठापन स्वीकृत और प्रतिष्ठापित किया गया। सरकारी निवास के निर्माण-काल के दौरान ड्यूक का निवास ऊपरी नॉर्वुड में रहा और जो निरन्तर इस काम की निगरानी करता और परियोजना परिवर्तन और सुझाव देता रहा। सर आर्थुर हैवलॉक ने इस भवन की आन्तरिक रूपरेखा में मूल भवन भवन से बहुत अघिक सुधार किए विशेषकर बॉल रूम को सजाने में। स्वतन्त्रता के बाद सरकारी निवास का नाम राज भवन रखा गया।[2]
ऊटी के राजभवन का वर्तमान क्षेत्रफल ८६.७२ एकड़ है। मुख्य भवन का न्याधार क्षेत्रफल २९,५०५ वर्ग फ़ीट है[2] और जिसमें एक विशाल बैंक्वैट हॉल, बॉल रूम, स्वागत और अगवानी कमरें, सत्रह अतिथि कमरे और कार्यालय सम्बन्धी कमरे हैं।[2] यह राजभवन समुद्र-तल से २,३०३० मीटर की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ मौसम ऊष्ण रहता है और वार्षिक वर्षाफल १,४०० मिमी है।[2]