राजा मेहदी अली ख़ान | |
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जन्म |
1928 झेलम |
मौत |
29 जुलाई 1966 | (उम्र एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित < ऑपरेटर। वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारती |
पेशा | कवि, लेखक |
राजा मेहदी अली ख़ान (1928-1966, उर्दू: راجہ مہدی علی خان) एक भारतीय कवि, लेखक और गीतकार थे।
इस के अलावा वह संगीतकार भि थे। उन्होने अपने जिवनकाल में फिल्म जगत में बहुत बडा योगदान दिया हैं। उनके बहुत सारे लोकप्रीय संगीत आज भि लोगो के दिल मे बरकरार हैं।
जिसे लोग मिलन और के रुप में दुख और खुशी के हर पल के हमसफर के रुप में भि मानते हैं।
वो एक बहुत हि शानदार कवि, लेखक और संगीतकार थे। उनका देहान्त 38 साल कि उमर में हुवा था।
मेहदी अली खान का जन्म अविभाजित भारत के झेलम में हुआ था। बचपन में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और कुछ दिनों के बाद अपनी माँ हेबे साहिबा को भी। अल्लामा सर मुहम्मद इकबाल ने हेबे साहिबा को एक अग्रणी उर्दू शायरा के रूप में शुमार किया है। राजा मेहदी को पहली बार एस मुखर्जी ने १९४६ में बनी अपनी फिल्म दो भाई में गीत लिखने का मौका दिया। इस फिल्म के दो गाने क्रमश: 'मेरा सुंदर सपना' 'और' 'याद करोगे' सर्वाधिक हिट हुए। 1947 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बावजूद, राजा मेहदी और उनकी पत्नी ताहिरा ने नवगठित पाकिस्तान की ओर पलायन न करते हुए भारत में रहने का फैसला किया। 1948 में दिलीप कुमार और कामिनी कौशल अभिनीत फिल्म शहीद में लिखे उनके देशभक्ति गीतों क्रमश: "वतन की राह में" और "तोड़ो-तोड़ो बच्चे" की खूब धूम रही। 29 जुलाई 1966 को उनका निधन हो गया।[1][2]
29 जुलाई 1966 को उनकी मृत्यु हो गई।
1. मेरा सुन्दर सपना बीत गया (दो भाई)
2. मेरी याद में तुम ना आँसू बहाना (मदहोश)
3. रात सर्द सर्द है (जाली नोट)
4. पूछो ना हमें (मिट्टी में सोना)
5. आप यूँ ही अगर हम से मिलते रहे (एक मुसाफिर एक हसीना)
6. मैं प्यार का राही हूँ (एक मुसाफिर एक हसीना)
7. आप की नज़रों ने समझा (अनपढ़)
8. है इसी में प्यार की आबरू (अनपढ़)
9. अगर मुझसे मोहब्बत है (आपकी परछाईयां)
10. मैं निगाहें तेरे चेहर से (आपकी परछाईयां )
11. जो हमने दास्तां अपनी सुनाई (वो कौन थी)
12. लग जा गले कि फिर ये (वो कौन थी)
13. नैना बरसे रिमझिम (वो कौन थी)
14. आखिरी गीत मोहब्बत का (नीला आकाश)
15. तेरे पास आ के मेरा वक्त गुजर (नीला आकाश)
16. नैनो में बदरा छाए (मेरा साया)
17. तू जहाँ जहाँ चलेगा (मेरा साया)
18. आपके पहलू में आकर रो दिए (मेरा साया)
19. झुमका गिरा रे (मेरा साया)
20. सपनों में अगर मेरे तुम आओ (दुल्हन एक रात की)
21. कई दिन से जी है बेकल (दुल्हन एक रात की)
22. एक हसीं शाम को (दुल्हन एक रात की)
23. तेरे बिन सावन कैसे बीता (जब याद की किसी की आती है)
24. अरी ओ शोख कलियों मस्कुरा देना (जब याद की किसी की आती है)
25. अकेला हूँ मैं हमसफ़र ढूँढता हूँ (जाल)