राजा हरिश्चन्द्र | |
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राजा हरिश्चन्द्र फ़िल्म का एक दृश्य। | |
निर्देशक | दादासाहब फालके |
पटकथा | दादासाहब फालके |
कहानी | रणछोड़बाई उदयराम |
निर्माता | फालके बैनर तले दादासाहब फालके |
अभिनेता |
दत्तात्रय दामोदर दबके पी॰जी॰ साने |
प्रदर्शन तिथि |
३ मई १९१३ |
लम्बाई |
४० मिनट |
देश | भारत |
भाषा | मूक फ़िल्म |
राजा हरिश्चन्द्र १९१३ में बनी भारतीय मूक फ़िल्म थी। इसके निर्माता निर्देशक दादासाहब फालके थे और यह भारतीय सिनेमा की प्रथम पूर्ण लम्बाई की नाटयरूपक फ़िल्म थी।[1] फ़िल्म भारत की कथाओं में से एक जो राजा हरिश्चन्द्र की कहानी पर आधारित है। यद्यपि फ़िल्म मूक है लेकिन इसमें दृश्यों के भीतर अंग्रेज़ी और हिन्दी में कथन लिखकर समझाया गया है। चूँकि फ़िल्म में अभिनय करने वाले सभी कलाकार मराठी थे अतः फ़िल्म को मराठी फ़िल्मों की श्रेणी में भी रखा जाता है।
फ़िल्म ने भारतीय फिल्म उद्योग में ऐतिहासिक नींव स्थापित की।[2]
फ़िल्म की शुरुआत राजा रवि वर्मा द्वारा की गई राजा हरिश्चन्द्र, उनकी पत्नी और पुत्र की चित्रों द्वारा बनाये गये चित्रों की प्रतिलिपियों की झांकी से आरम्भ होती है।
फ़िल्म में प्रमुख अभिनय भूमिका में दत्तात्रय दामोदर दबके हैं। फ़िल्म में मुख्य अभिनेत्री का अभिनय अन्ना सालुंके नामक अभिनेता ने किया।