राजा हिन्दुस्तानी | |
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राजा हिन्दुस्तानी का पोस्टर | |
निर्देशक | धर्मेश दर्शन |
लेखक |
धर्मेश दर्शन जावेद सिद्दकी (संवाद) |
अभिनेता |
आमिर ख़ान, करिश्मा कपूर, सुरेश ओबेरॉय, जॉनी लीवर, नवनीत निशान, अर्चना पूरन सिंह |
संगीतकार | नदीम-श्रवण |
प्रदर्शन तिथियाँ |
15 नवम्बर, 1996 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
राजा हिन्दुस्तानी 1996 में बनी धर्मेश दर्शन द्वारा निर्देशित हिन्दी भाषा की प्रेमकहानी फ़िल्म है। आमिर खान और करिश्मा कपूर द्वारा प्रमुख भूमिका निभाई गई हैं। 15 नवंबर 1996 को जारी यह फ़िल्म 1965 की जब जब फूल खिले की रीमेक है, जिसमें शशि कपूर और नन्दा कलाकार हैं। फिल्म का संगीत नदीम-श्रवण द्वारा दिया गया था, जिसमें समीर के बोल थे। जारी होने के बाद यह वर्ष की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी। इसने सात स्टार स्क्रीन पुरस्कार सहित पांच फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे।
राजा हिन्दुस्तानी (आमिर खान) एक युवा व्यक्ति है जो टैक्सी चालक / पर्यटक गाइड के रूप में काम करता है। आरती सहगल (करिश्मा कपूर) एक अमीर लड़की है जो अपने अतीत से जुड़ने की कोशिश कर रही है।
श्री सहगल (सुरेश ओबेरॉय) अपनी पुत्री, आरती और उसकी सौतेली माँ शालिनी (अर्चना पूरन सिंह) के साथ एक भव्य महल घर में रहते हैं। आरती अपनी मृत मां की यादों को खोजने के लिए पालनखेत नाम के एक छोटे पहाड़ी शहर में छुट्टी के लिए जाने का फैसला करती है। आगमन पर, उसे पता चलता है कि उसके पास हवाई अड्डे से पालनखेत तक कोई परिवहन नहीं है। इसलिए वह इकलौते उपलब्ध ड्राइवर, राजा हिन्दुस्तानी की सेवाएँ लेती है। पालनखेत में आरती और राजा रहने के दौरान घुल मिल जाते हैं और आखिर में प्यार में पड़ जाते हैं। एक दिन आरती के पिता पालनखेत में आते हैं और उसको उनके साथ घर चलने की कहते है। आरती अपने पिता को राजा के बारे में बताती हैं, लेकिन श्री सहगल रिश्ते से इनकार कर देते हैं। आरती राजा को चुनती है, लेकिन अपने पिता से आशीर्वाद मांगती है। उसके पिता अपना आशीर्वाद दिये बिना मुंबई के लिए रवाना हो जाते हैं।
कुछ समय बाद, श्री सहगल अपनी बेटी को माफ कर देते हैं और पालनखेत में जाते हैं। वहाँ वह अपनी बेटी और दामाद को एक नया घर देते हैं। राजा घर में रहने से इंकार कर देता है क्योंकि वह इसे उपहार के रूप में नहीं देखता है, बल्कि दान के रूप में देखता है। क्योंकि वह गरीब है और श्री सहगल समृद्ध है। शालिनी, उसके भाई स्वराज (प्रमोद मुथु), और उनके भतीजे जय (मोहनीश बहल) श्री सहगल की संपत्तियों का पूरा नियंत्रण पाने के लिए इस संघर्ष का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।
संगीत नदीम-श्रवण द्वारा रचित किया गया था। समीर दवारा बोल दिये गए थे। 1990 के दशक में आशिकी और दिल तो पागल है के बाद यह तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला एल्बम था।
क्र. | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1 | "पूछो ज़रा पूछो" | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 06:12 |
2 | "आये हो मेरी ज़िन्दगी में (पुरुष)" | उदित नारायण | 06:02 |
3 | "आये हो मेरी ज़िन्दगी में (नारी)" | अलका याज्ञिक | 06:02 |
4 | "कितना प्यारा तुझे रब ने" | अलका याज्ञिक, उदित नारायण | 06:20 |
5 | "परदेसी परदेसी (I)" | अलका याज्ञिक, उदित नारायण, सपना अवस्थी | 07:31 |
6 | "परदेसी परदेसी (II)" | अलका याज्ञिक, कुमार सानु | 08:19 |
7 | "तेरे इश्क़ में नाचेंगे" | कुमार सानु, अलीशा चिनॉय, सपना मुखर्जी | 08:14 |
8 | "परदेसी परदेसी (उदास)" | सुरेश वाडकर, बेला सुलाखे, उदित नारायण | 02:40 |
करिश्मा कपूर के किरदार के लिये पहले जूही चावला को प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उन्होने मना कर दिया। पूजा भट्ट और ऐश्वर्या राय पर भी मंथन किया गया था।[1]