राजिंदर सिंह बेदी | |
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चित्र:Rajinder Singh Bedi (1915-1984).jpg | |
जन्म |
01 सितम्बर 1915 सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
मौत |
1984 मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
पेशा | उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार |
कार्यकाल | 1933–1984 |
राजिंदर सिंह बेदी एक हिन्दी और उर्दू उपन्यासकार, निर्देशक, पटकथा लेखक, नाटककार थे। इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था, लेकिन वे विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे।। यह पहले अखिल भारतीय प्रगतिशील लेखक संघ के उर्दू लेखक थे। जो बाद में हिन्दी फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, संवाद लेखक बन गए। यह पटकथा और संवाद में ऋषिकेश मुखर्जी की फ़िल्म अभिमान, अनुपमा और सत्यकाम; और बिमल रॉय की मधुमती के कारण जाने जाते हैं।[1][2] यह निर्देशक के रूप में दस्तक (1970) की फ़िल्म जिसमें संजीव कुमार और रेहना सुल्तान थे, के कारण जानते जाते हैं।[3] उन्हें विभाजन पर लिखी गई उनकी मन को 'विचलित' करने वाली दुखद कहानियों के लिए जाना जाता है।[4]
इनका जन्म 1 सितम्बर 1915 को सियालकोट, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हीरा सिंह बेदी और सेवा दाई के घर में हुआ था।[5] यह कई वर्षों तक उर्दू में शिक्षा ग्रहण करते रहे। लेकिन यह महाविद्यालय की शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाये। विभाजन के बाद 1947 में उनका परिवार फाजिल्का, पंजाब, भारत में आ गया।
उनके याद में पंजाब सरकार ने राजिंदर सिंह बेदी पुरस्कार नाम रखा। जिसे उर्दू साहित्य में अपना योगदान देने वाले को यह पुरस्कार दिया जाता है। इनके द्वारा रचित एक उपन्यास एक चादर मैली–सी के लिये उन्हें सन् १९६५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार (उर्दू) से सम्मानित किया गया।[6]