राम और श्याम | |
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राम और श्याम का पोस्टर | |
निर्देशक | थापि चाणक्या |
निर्माता |
बी॰ नागि रेड्डी अलूरी चक्रपाणि |
अभिनेता |
दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़[1] , निरूपा रॉय, प्राण, |
संगीतकार | नौशाद |
प्रदर्शन तिथि |
7 अप्रैल 1967 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
राम और श्याम 1967 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन थापि चाणक्या ने किया है और इसमें दिलीप कुमार, वहीदा रहमान, मुमताज़, निरूपा रॉय और प्राण हैं। यह फिल्म एक बड़ी हिट बनी और 1967 में बॉक्स ऑफिस पर दूसरे स्थान पर रही। इसमें दिलीप कुमार जुड़वाँ व्यक्तियों की दोहरी भूमिका में हैं जो जन्म के समय बिछड़ जाते हैं।[2]
इस फ़िल्म ने सीता और गीता (1972), जैसे को तैसा (1973), चालबाज़ (1989), किशन कन्हैया (1990) और गोपी किशन (1994) जैसी विभिन्न "जन्म के समय बिछड़े जुड़वाँ" वाली फिल्मों को प्रेरित किया। फिल्म को 15वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में 3 नामांकन प्राप्त हुए, जिसमें वहीदा रहमान के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री और मुमताज़ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री शामिल हैं। जबकि दिलीप कुमार ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीता था।
अपने दमनकारी बहनोई गजेन्द्र (प्राण) द्वारा बदतमीजी किये जाने पर रामचंद्र (दिलीप कुमार) घर से भाग जाता है। वह एक छोटे से गांव में पहुँच जाता है जहां उसे श्यामराव (दिलीप कुमार) समझा जाता है। इस बीच, अंजना (वहीदा रहमान) और उसके पिता (नज़ीर हुसैन) श्यामराव को रामचंद्र समझ लेते हैं। जब गजेन्द्र को ये पता चलता है, तो वह क्रोधित हो जाता है और उस व्यक्ति को पीटने का प्रयास करता है जिसे वह अपना साला समझता है।
लेकिन श्यामराव बदतमीजी सहने या पिटने से मना कर देता है और अचानक घर में भी चीजें बदलने लगती हैं। गजेन्द्र को सच्चाई के बारे में पता चलने में ज्यादा समय नहीं लगता है और वह श्यामराव और उसका विरोध करने वालों के लिए एक बदसूरत मौत की योजना बना रहा है।
सभी गीत शकील बदायूँनी द्वारा लिखित; सारा संगीत नौशाद[3] द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आज की रात मेरे दिल की सलामी ले ले" | मोहम्मद रफ़ी | 5:28 |
2. | "आई हैं बहारें मिटे ज़ुल्म-ओ-सितम" | मोहम्मद रफ़ी | 4:44 |
3. | "मैं हूँ साक़ी तू है शराबी" | लता मंगेशकर, मोहम्मद रफ़ी | 3:46 |
4. | "धीरे धीरे बोल कोई सुन लेगा" | आशा भोसले, महेन्द्र कपूर | 5:38 |
5. | "आज सखी रे मोरे पिया रे" | आशा भोसले | 3:58 |
6. | "ओ बलम तेरे प्यार की ठंडी आग में" | आशा भोसले, मोहम्मद रफ़ी | 4:06 |
7. | "मैंने कब तुम से कहा था" | लता मंगेशकर | 3:35 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1968 | दिलीप कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार[4] | जीत |
वहीदा रहमान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
मुमताज़ | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित |