राम मूलचन्द जेठमलानी | |
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कार्यकाल 1999 - 2000 | |
प्रधानमंत्री | अटल बिहारी वाजपेयी |
पूर्वा धिकारी | एम थंबीदुरई |
उत्तरा धिकारी | अरूण जेटली |
कार्यकाल 1996 - 1996 | |
केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री
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कार्यकाल 1998 - 1999 | |
जन्म | 14 सितम्बर 1923 शिकारपुर, ब्रिटिश भारत |
मृत्यु | सितम्बर 8, 2019 | (उम्र 95 वर्ष)
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | रतना आर. |
निवास | 2, अकबर रोड़, नई दिल्ली |
पेशा | वकील, प्रोफेसर, राजनेता |
धर्म | हिन्दू धर्म |
राम जेठमलानी (सिंधी: رام جيٺملاڻي (जन्म : 14 सितम्बर 1923 - मृत्यु : 8 सितम्बर 2019) एक सुप्रसिद्ध भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ थे। 6ठी व 7वीं लोक सभा में वे भारतीय जनता पार्टी से मुंबई से दो बार चुनाव जीते थे। बाद में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय कानून एवं न्याय मंत्री व शहरी विकास मन्त्री रहे थे। किसी विवादास्पद बयान के चलते उन्हें जब भाजपा से निकाल दिया था तो उन्होंने वाजपेयी के ही खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 का चुनाव लड़ा था किन्तु हार गये। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया था। 2010 में उन्हें फिर से भाजपा ने पार्टी में शामिल कर लिया था और राजस्थान से राज्य सभा का सांसद बनाया। राम जेठमलानी उच्च प्रोफाइल से सम्बन्धित मामलों के मुकदमे की पैरवी करने के कारण विवादास्पद रहे और उसके लिए उन्हें कई बार कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा था। यद्यपि वे उच्चतम न्यायालय के सबसे महँगे वकील थे इसके बावजूद उन्होंने कई मामलों में नि:शुल्क पैरवी की। दिनांक 8 सितम्बर 2019 को स्वास्थ खराब होने के कारण उनका निधन हो गया। [1][2]
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर में जो आजकल पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में है, भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी व उनकी पत्नी पार्वती भूलचन्द के यहाँ हुआ था। सिन्धी प्रथानुसार पुत्र के साथ पिता का नाम भी आता है अत: उनका पूरा नाम रामभूलचन्द जेठमलानी था परन्तु चूँकि उनके बचपन का नाम राम था अत: आगे चलकर वे राम जेठमलानी के नाम से ही मशहूर हो गये।[3] स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में पास करने के कारण उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक का इम्तिहान पास कर लिया और 17 साल की उम्र में ही एल०एल०बी० की डिग्री हासिल कर ली थी। उस समय वकालत की प्रैक्टिस करने के लिये 21 साल की उम्र जरूरी थी मगर जेठमलानी के लिये एक विशेष प्रस्ताव पास करके 18 साल की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गयी। बाद में उन्होंने एस०सी०साहनी लॉ कॉलेज कराची एल०एल०एम० की डिग्री प्राप्त की।
18 साल से कुछ ही अधिक उम्र में उनकी शादी पारम्परिक हिन्दू पद्धति से दुर्गा नाम की एक कन्या से कर दी गयी। 1947 में भारत-पाकिस्तान के बँटवारे से कुछ ही समय पूर्व उन्होंने रत्ना साहनी नाम की एक महिला वकील से दूसरा विवाह कर लिया। जेठमलानी के परिवार में उनकी दोनों पत्नियों से कुल चार बच्चे हैं-रानी, शोभा और महेश, तीन दुर्गा से तथा एक जनक, रत्ना से।[4]
जेठमलानी की मृत्यु 8 सितंबर 2019 को नई दिल्ली में उनके घर पर हुई।[5] उनके बेटे महेश जेठमलानी के अनुसार, वह पिछले कुछ महीनों से ठीक नहीं थे; राम जेठमलानी ने अपने 96 वें जन्मदिन के ठीक छह दिन पहले 7:45 बजे (भामास) सुबह अंतिम सांस ली।[6]