राव बीरेन्द्र सिंह | |
कार्यकाल 24 मार्च 1967 – 2 नवंबर 1967 | |
पूर्व अधिकारी | भगवत दयाल शर्मा |
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उत्तराधिकारी | राष्ट्रपति शासन |
जन्म | 20 फ़रवरी 1921 रेवाड़ी, पंजाब प्रान्त |
मृत्यु | 30 सितम्बर 2009 गुड़गांव, हरियाणा | (उम्र 88 वर्ष)
राजनैतिक पार्टी | विशाल हरियाणा पार्टी |
जीवन संगी | रानी चंद्र प्रभा |
संतान | राव इंदरजीत सिंह राव यादवेंद्र सिंह राव अजीत सिंह |
धर्म | हिन्दू |
राव बीरेन्द्र सिंह (20 फ़रवरी 1921 – 30 सितम्बर 2009) एक भारतीय राजनेता थे, जो १९६७ में कुछ महीनों तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे।
1952 में जब स्वतंत्र भारत में पहले चुनाव हुए, तो बीरेन्द्र सिंह रेवाड़ी से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरे थे, हालांकि, उस चुनाव में उनकी पराजय हुई। इसके बाद उसी वर्ष उन्होंने किसान मजदूर पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई। 1954 में वह अम्बाला मण्डल से पंजाब विधान परिषद में निर्दलीय सदस्य चुने गए। सरदार प्रताप सिंह कैंरों मंत्रिमंडल में उन्हें परिवहन व राजस्व मंत्री का जिम्मा दिया गया।
हरियाणा गठन के बाद वर्ष 1967 में हुए पहले आम चुनावों में राव बिरेंद्र अपनी ही विशाल हरियाणा पार्टी से पटौदी से चुनाव जीतकर विधायक बने। उन्हें प्रदेश का प्रथम निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष बनने का गौरव मिला। 24 मार्च 1967 को राव संयुक्त विधायक दल के बल पर प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1971 में राव ने विशाल हरियाणा पार्टी से महेंद्रगढ़ लोकसभा का चुनाव जीता। वर्ष 1977 में अटेली से विधायक बने।
आपातकाल के बाद इंदिरा गांधी के आग्रह पर राव ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय किया। वर्ष 1980 में केंद्र में कांग्रेस सरकार बनने पर इंदिरा गांधी ने राव को कृषि, ¨सचाई, ग्रामीण विकास, खाद्य एवं आपूर्ति जैसे महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा सौंपा। 1996 के बाद से उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी।
30 सितंबर 2009 को गुड़गांव में हृदय गति रुक जाने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।