राष्ट्रीय समर स्मारक या युद्ध स्मारक भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली के इंडिया गेट के आसपास के क्षेत्र में अपने सशस्त्र बलों को सम्मानित करने के लिए बनाया गया एक स्मारक है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 फरवरी 2019 को इंडिया गेट के पास 44 एकड़ में बना नेशनल वॉर मेमोरियल राष्ट्र को समर्पित किया।[1]
स्मारक को इंडिया गेट के पास मौजूदा छतरी (चंदवा) के आसपास बनाया गया है। स्मारक की दीवार को जमीन के साथ और मौजूदा सौंदर्यशास्त्र के साथ सामंजस्य स्थापित किया है।[2] 1947-48, 1961 (गोवा), 1962 (चीन), 1965, 1971, 1987 (सियाचिन), 1987-88 (श्रीलंका), 1999 (कारगिल), और युद्ध रक्षक जैसे अन्य युद्धों में शहीदों के नाम इस प्रकार आजादी के बाद शहीद हुए १३,३००[3] भारतीय सैनिकों के नाम यहां पत्थरों पर लिखे गए हैं।[4]
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक 25 फरवरी 2019 को बनाया गया था। इसकी नींव भारत सरकार के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा रखा गया। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हमारे उन सभी वीर को हमारे उन सभी वीरों को श्रद्धांजलि देता है जो युद्ध में अपना बलिदान दे चुके (Green wich) हैं। राष्ट्रीय युद्धस्मारक दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर बनाया गया है। आज इस राष्ट्रीय युद्ध स्मारक, को बने हुए 3 साल हो चुके है साथ ही 22 जनवरी 2022 को यह भी ऐलान हुआ की अमर जवान ज्योति अब से राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में ही जलाई जाएगी और यह पूरा कार्यक्रमवायु वायु सेना के ऑफिसर बलभद्र राधाकृष्णन की अध्यक्षता में किया गया।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के आर्किटेक्चर श्री योगेश चंद्र हसन जी हैं।
विशेष - राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भारत के वीरगति प्राप्त सैनिको की स्मृति में बनाया गया है।
1960 में सशस्त्र बलों ने पहली बार एक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का प्रस्ताव रखा था।[4]
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का मुख्य वास्तुकार वीबी डिजाइन लैब (WeBe Design Lab), चेन्नई के योगेश चंद्रहासन है। वेब डिज़ाइन लैब को वास्तुशिल्प डिजाइन की अवधारणा के लिए और परियोजना के निर्माण के समन्वय के लिए चुना गया था।
इस हेतु एक वैश्विक डिजाइन प्रतियोगिता आयोजित की गई थी और परिणाम अप्रैल २०१७ की शुरुआत में घोषित किया गया था और चेन्नई स्थित आर्किटेक्ट्स, वीबी डिजाइन लैब के प्रस्ताव को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के लिए विजेता घोषित किया गया था। [5]