रिफ्यूजी | |
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रिफ्यूजी का पोस्टर | |
निर्देशक | जे पी दत्ता |
लेखक | जे पी दत्ता |
निर्माता | जे पी दत्ता |
अभिनेता |
अभिषेक बच्चन, करीना कपूर, जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
21 जून, 2000 |
लम्बाई |
210 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
रिफ्यूजी 2000 में बनी भारतीय हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन जे पी दत्ता ने किया। इससे लोकप्रिय अभिनेता अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन और अभिनेत्री करिश्मा कपूर की छोटी बहन करीना कपूर की शुरुआत हुई।[1] फिल्म में जैकी श्रॉफ, सुनील शेट्टी और अनुपम खेर ने भी अभिनय किया। इस फिल्म का कारोबार खास नहीं रहा था लेकिन इसे आलोचनात्मक प्रशंसा मिली थी।
1947 में भारत के विभाजन के बाद बिहार स्थित मंजूर अहमद और उसका परिवार पूर्वी पाकिस्तान में स्थानांतरित हो गए थे। हालांकि 1971 में बांग्लादेश राज्य के गठन के बाद उनको और कई अन्य लोगों को पाकिस्तान के पश्चिमी हिस्से में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर होना पड़ा। जमीनी रास्ते से ऐसा करने के लिए उन्हें भारत पार करना होगा। ढाका से मार्ग भारत में गुवाहाटी, उसके बाद दिल्ली, फिर अजमेर, फिर भुज तक और फिर पाकिस्तान में हाजी पीर तक जाता है।
वे भुज तक पहुँच जाते हैं, लेकिन बाद में उन्हें केवल "रिफ्यूजी" नाम से जाना जाने वाला व्यक्ति कच्छ का रण पार कर पाकिस्तान पहुँचने में मदद करता है। रिफ्यूजी अपने ग्राहकों को सामान स्वरूप मानता है और उनके साथ और उनकी कहानियों के साथ भावनात्मक रूप से शामिल होने से इंकार करता है। फिर वह मंजूर अहमद की पुत्री नज़नीन अहमद से मिलता है और वह इस नियम को भूल जाता है और उससे प्यार करने लगता है।
सीमा के दोनों किनारों पर पुलिस अवैध शरणार्थी यातायात से अवगत है और भारतीय पुलिस नियमित रूप से रिफ्यूजी और उसके वृद्ध पिता जान मुहम्मद से सवाल करती है। एक दिन, रिफ्यूजी चार लोगों को सीमा के भारतीय हिस्से में प्रवेश करने में मदद करता है। ये पुरुष श्री मुहम्मद के दूसरे बेटे की मदद से दिल्ली जाते हैं। इसके तुरंत बाद, भारतीय राजधानी में ट्रेनों, बसों और इमारतों में विस्फोट होते हैं।
एक बार फिर नाज़नीन से मिलने के लिये रिफ्यूजी सीमा पार करता है। वह उसे वहाँ से ले जाने के लिए कहती है क्योंकि उसके पिता उसकी शादी पाकिस्तानी सीमा सुरक्षा अधिकारी मोहम्मद अशरफ़ से कराना चाहते हैं। रण के माध्यम से सीमा पार करते समय वे पाकिस्तानियों रेंजरों द्वारा पकड़ लिये जाते हैं। रिफ्यूजी को पीटा जाता है और ऊँट पर भारत भेज दिया जाता है। भारतीय बीएसएफ उसे पकड़ता है और अस्पताल में उसका इलाज कराता है। फिर उन्हें सूचित किया गया कि उसने अनजाने में आतंकवादियों को भारत में पार करने में मदद की और कई मौतों का कारण बना। रिफ्यूजी बीएसएफ में शामिल हो जाता है और आतंकवादियों से लड़ता है जिन्होंने उसके गाँव में घेराबंदी की।
यह फिल्म नाज़नीन के साथ समाप्त होती है जो दोनों देशों के बीच सीमा पर रिफ्यूजी के बच्चे को जन्म देती है। भारतीय बीएसएफ और पाकिस्तानी रेंजर्स के कर्मियों ने हल्के अंदाज में बच्चे की राष्ट्रीयता पर चर्चा की।
सभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "पंछी नदियाँ पवन के झोके" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 8:41 |
2. | "ऐसा लगता है" | सोनू निगम, अलका याज्ञनिक | 7:30 |
3. | "रात की हथेली पर" | उदित नारायण, अलका याज्ञनिक | 6:36 |
4. | "जिसे तू ना मिला" | सुखविंदर सिंह, शंकर महादेवन | 10:55 |
5. | "मेरे हमसफर" | अलका याज्ञनिक, सोनू निगम | 7:50 |
6. | "ताल पे जब" | अलका याज्ञनिक, सोनू निगम | 7:09 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2001 | अनु मलिक | राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार | जीत |
जावेद अख्तर ("पंछी नदियाँ पवन के झोके") | राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार - सर्वश्रेष्ठ गीततकार पुरस्कार | जीत | |
जावेद अख्तर ("पंछी नदियाँ पवन के झोके") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | जीत | |
करीना कपूर | फ़िल्मफ़ेयर महिला प्रथम अभिनय पुरस्कार | जीत | |
अनु मलिक | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
अलका याज्ञनिक ("पंछी नदियाँ पवन के झोके") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित | |
सोनू निगम ("पंछी नदियाँ पवन के झोके") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | नामित |