मिशन प्रकार | रिमोट सेंसिंग उपग्रह |
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संचालक (ऑपरेटर) | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन |
कोस्पर आईडी | 2016-074A |
मिशन अवधि | 5 साल |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
लॉन्च वजन | 1,235 किलोग्राम (2,723 पौंड)[1] |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 7 दिसम्बर 2016 |
रॉकेट | पीएसएलवी सी36 |
प्रक्षेपण स्थल | प्रथम लांच पैड, सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकेन्द्रीय कक्षा |
काल | पृथ्वी की निचली कक्षा |
परिधि (पेरीएपसिस) | 817 किलोमीटर (508 मील) |
उपसौर (एपोएपसिस) | 817 किलोमीटर (508 मील) |
झुकाव | 98.72 डिग्री |
अवधि | 102 मिनट |
रिसोर्ससैट-2ए (Resourcesat-2A) क्रमशः रिसोर्ससैट-1 और रिसोर्ससैट-2 के मिशन का अनुवर्ती है जिन्हें क्रमशः अक्टूबर, 2003 और अप्रैल, 2011 में लॉन्च किया गया था। नया उपग्रह अन्य रिसोर्ससैट मिशन के समान सेवाओं को प्रदान करता है। यह आपदा प्रबंधन में मदद के साथ-साथ जमीन और जल निकायों के नीचे, खेत की भूमि और फसल की मात्रा, जंगल, खनिज जमा, तटीय सूचना, ग्रामीण और शहरी फैलाव पर नियमित सूक्ष्म और मैक्रो सूचना देगा।[2]
उपग्रह 3 पेलोड लेकर गया हैं:
उपग्रह में 200 जीगा बिट्स की क्षमता वाले दो सॉलिड स्टेट रिकॉर्डर्स भी हैं, जो छवियों को स्टोर करने के लिए बाद में ग्राउंड स्टेशन पर भेजने में सक्षम होंगे।[5]
उपग्रह 7 दिसंबर 2016 को पीएसएलवी-सी36, पीएसएलवी की 38वीं उड़ान पर लांच किया गया था।[2] पहली बार, भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली प्रोसेसर और रिसीवर का प्रयोग पीएसएलवी को नेविगेट करने के लिए किया गया था।[6]
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(मदद)