रुक जाना नहीं | |
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लेखक | कमल पांडे |
अभिनीत | नीचे देखें |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिन्दी |
एपिसोड की सं. | 248 |
उत्पादन | |
निर्माता | कमल पांडे, परेश रावल, हेमल ठक्कर और स्वरूप सम्पत |
उत्पादन स्थान | वाराणसी |
छायांकन | दिनेश सिंह |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | स्टार प्लस |
प्रसारण | 19 दिसम्बर 2011 23 नवम्बर 2012[1] | –
रुक जाना नहीं एक भारतीय हिन्दी धारावाहिक है, जो स्टार प्लस पर 19 दिसम्बर 2011 से 23 नवम्बर 2012 तक चला। इसका निर्देशन संतराम वर्मा ने किया है। इसके निर्माता कमल पांडे, परेश रावल, हेमल ठक्कर और स्वरूप सम्पत हैं।
सांची अपने परिवार के साथ वाराणसी में आती है, वहाँ वह महाविद्यालय में पढ़ने जाती है। वहाँ उसके सामने कई प्रकार की मुश्किलें आती हैं। लेकिन वह सभी का सामना करती है। एक दिन वह इन्दु से मिलती है। इन्दु उससे प्यार करने लगता है। वह उससे शादी करना चाहता है, इसलिए वह उसे और उसके परिवार को शादी के लिए तंग करता है। साँची शादी और इन्दु से बचने के लिए कई तरकीब आजमाती है। एक दिन इन्दु शादी के लिए उसके परिवार को मनवाने के लिए उसके घर आता है। वो सभी मान जाते हैं। साँची एक पंडित को यह कहकर लाती है की वह इस तरह से कुंडली देखे की यह शादी न हो। वह कहता है की यदि शादी हुई तो लड़के की माँ की मृत्यु हो जाएगी। लेकिन यह भी कुछ काम नहीं आ सका। उसके बाद साँची अगले दिन बहुत छोटे छोटे कपड़े पहन कर महाविद्यालय जाती है। इससे इन्दु क्रोधित हो जाता है। इसके बाद वह साँची को अच्छे कपड़े खरीदने बोलता है। लेकिन साँची उसे उल्टा सीधा कहती है। थोड़ी ही दूर में कुछ लड़के उसे छेड़ने लगते हैं। यह देख इन्दु उन लड़कों की पिटाई कर देता है। इसके बाद वह लड़के भाग जाते हैं।
|publisher=
(मदद)