रुक़य्या सुलतान बेगम | |
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मुग़ल साम्राज्य की शहज़ादी पादशाह बेगम | |
मुग़ल साम्राज्य की मलिका | |
कार्यकाल | ल. 1557 – 1605 |
पूर्ववर्ती | बेगा बेगम |
उत्तरवर्ती | सलीहा बानो बेगम |
जन्म | ल. 1542 |
निधन | 19 जनवरी 1626[1] आगरा, हिन्दुस्तान | (उम्र एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित < ऑपरेटर।)
समाधि | |
जीवनसंगी | अकबर |
घराना | तैमूरी |
पिता | हिन्दल मिर्ज़ा |
माता | सुल्तानम बेगम |
धर्म | इस्लाम |
रुक़ैया सुल्तान बेगम (वैकल्पिक हिज्जे: रुक़य्या, रुक़ैय्याह) (ल. 1542 – 19 जनवरी 1626) 1557 से 1605 तक मुग़ल साम्राज्य की मलिका थीं। वे तीसरे मुग़ल बादशाह अकबर की पहली बीवी[2] और मुख्य साथी[3][4] थीं। 1557 से 27 अक्टूबर 1605, 48 साल तक वे सबसे लंबे समय तक मुग़ल साम्राज्ञी भी रहीं।[5]
रूकैया अपने पति की चचेरी बहन थीं, और जन्म से मुगल राजकुमारी थीं। उनके पिता, हिंदल मिर्ज़ा, अकबर के पिता हुमायूँ के सबसे छोटे भाई थे। उसने नौ साल की उम्र में अकबर के साथ मंगनी की और 14 साल की उम्र में उससे शादी कर ली, लेकिन शादी के बाद भी वह बचची ही रही। बाद के जीवन में, रुकैया ने (अकबर के पसंदीदा) खुर्रम को गोद लिया और मुख्य संरक्षक के रूप में, रुकैया ने उस पर काफी प्रभाव डाला और अपने पति और उसके सौतेले बेटे, जहाँगीर के बीच विवाद अंत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
Ruqayya-Sultan Begam, the daughter of Mirza Hindal and wife of His Majesty Arsh-Ashyani [Akbar], had passed away in Akbarabad. She was His Majesty's chief wife. Since she did not have children, when Shahjahan was born His Majesty Arsh-Ashyani entrusted that "unique pearl of the caliphate" to the begam's care, and she undertook to raise the prince. She departed this life at the age of eighty-four.