रुमा मेहरा (जन्म 24 जनवरी 1967) एक भारतीय कवि, चित्रकार, मूर्तिकार, स्वतंत्र समाचार पत्र लेखक[1][2][3] और इंडियन एक्सप्रेस के लिए एक स्तंभकार है।
मेहरा सामाजिक चेतना के साथ एक आत्म शिक्षित कलाकार है, जिसने अपने चित्रों, राहतों और मूर्तियों के 11 एकल शो किये हैं।[4] उनकी कलाकृतियां निजी और स्थायी संग्रह में मिलती हैं, जिनमें नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली,[5] ललित कला अकादमी[6] नई दिल्ली, आर्टे एंटीका गैलरी,[7] कनाडा और स्विट्जरलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, यूके, स्पेन, यूएई और जापान में व्यक्तिगत संग्रह शामिल हैं। मेहरा की कला को एक नई कला कहा जाता है। [8]
वह कला के अपने कार्यों के साथ-साथ अपने लेखन में मानवतावाद को व्यक्त करती है।[9][10] [11] मेहरा ने ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन पर दृष्टिहीनऔर भारत के एसओएस चिल्ड्रेन के गांवों (ईसाई चिल्ड्रन फण्ड) के लिए स्वैच्छिक शिक्षण का काम किया है।[12]
मेहररा द्वारा उनके अख़बार ट्रैवल लेखों का एक संकलन जर्मन में अनुवाद किया गया और 2008 में डिजिटली प्रकाशित किया गया था, जिसका नाम दास औसलैंडिस स्टाक डेस ग्रास था।
मेहरा वर्तमान में लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया में रहती और काम करती है।
उसने कविता की तीन पुस्तकें लिखी है:
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(मदद)