रेलवे सुरक्षा बल

रेलवे सुरक्षा बल
लघुनाम आर.पी.एफ
चिह्न of the रेलवे सुरक्षा बल.
आदर्श वाक्य 'यशो लभस्व
संस्था जानकारी
स्थापना 2 जुलाई, 1872
कर्मचारी 75,000 सक्रिय कर्मी[1]
वैधानिक वयक्तित्व सरकारी : सरकारी संस्था
अधिकार क्षेत्र
शासी निकाय रेल मंत्रालय, भारत
गठन घटक अधिनियम, 1984
सामान्य प्रकृति
प्रचालन ढांचा
मुख्यालय नई दिल्ली
मंत्री responsible अश्वनी वैष्णव, केंद्रीय रेलमंत्री
संस्था कार्यपालक अरुण कुमार (आई.पी.एस), महानिदेशक, आर.पी.एफ
मातृ संस्था रेलवे सुरक्षा बल
इकाईयां 10

रेलवे सुरक्षा बल देश के सर्वोत्तम सुरक्षा बलों में सेे एक है। यह एक ऐसा सुरक्षा बल है जो देश में रेल यात्रियों की सुरक्षा, भारतीय रेलवे की सम्पत्तियों की रक्षा तथा किन्हीं देश विरोधी गतिविधियों में रेलवे सुविधाओं के इस्तेमाल की निगरानी रखना है।यह एक केंद्रीय सैन्य सुरक्षा बल है जो पैरा मिलिट्री फोर्स के रूप में भी जाना जाता है जिसे दोषियों को गिरफ्तार करने, जाँच पड़ताल करने एवं अपराधियों के विरूद्ध मुकदमा चलाने का अधिकार होता है। यह प्रायः आरपीएफ के नाम से जाना जाता है यह सुरक्षा बल भारतीय रेल मंत्रालय केअधीन होता है। रेलवे सुरक्षा बलों की तादाद ६५००० के लगभग है। रेलवे सुरक्षा बल का मुखिया डाइरेक्टर जनरल होता है जो कि प्रायः भारतीय पुलिस सेवा का अधिकारी होते हैं। इस समय १९८२ बैच के उत्तराखण्ड कैडर के आइपीएस अधिकारी मिस्टर एस. के. भगत को २८ अप्रेल २०१६ को रेलवे सुरक्षा बल का डीजी बनाया गया है।

रेलवे सुरक्षा बल रेल यात्रियों,रेलवे सम्पत्तियों की सुरक्षा के साथ साथ रेलवे क्षेत्र में अनाथ बच्चों को भी सहायता प्रदान करता है तथा उनके पुनर्स्थापना की भी व्यवस्था करता है। साथ ही तथा इतना ही नहीं भारतीय रेलवे की क्षमता एवं छवि को बनाने के लिए भारतीय रेलवे के अन्य विभागों की भी आवश्यकतानुसार सहायता करता है यह अपराधियों के धर-पकड़ में स्थानीय पुलिस की भी मदद करता है एक प्रकार से यह सरकार, रेलवे विभाग, स्थानीय पुलिस तथा जनता के मध्य एक सेतु का कार्य करता है। इसकी उत्पत्ति 'निगरानी करने' एवं 'रक्षा करने' के उद्देश्य के साथ रेलवे प्रशासन द्वारा की गई थी बाद में इसे रेलवे सुरक्षा बल का नाम दिया गया और इसे बिना वारेण्ट के गिरफ्तार करने तथा रेलवेसम्पत्तियों की रक्षा करने का अधिकार दिया गया।

उत्पत्ति

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देश की अर्थव्यवस्था में रेलवे का बड़ा ही योगदान रहा यही वजह रही की माल की ढुलाई के लिए अंग्रेजों ने रेलवे की सहायता ली पर समय के साथ साथ रेलवे सम्पत्तियों की चोरी और रेलवे यात्रियों की सुरक्षा हेतु एक सुरक्षा बल की स्थापना की जरूरत महसूस की गई फल स्वरूप इसकी स्थापना 20 सितंबर 1985 में एक कानून बना कर की गई।

सन्दर्भ

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