रेस 3 | |
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पहली झलक | |
निर्देशक | रेमो डीसूजा |
निर्माता |
रमेश तौरानी सलमान खान |
अभिनेता |
सलमान खान अनिल कपूर बॉबी देओल जैकलिन फर्नांडीस डेज़ी शाह साक़िब सलीम फ्रेडी दारूवाला |
छायाकार | अयनांका बोस |
संपादक | रामेश्वर भगत |
संगीतकार |
प्रीतम मीत ब्रोस |
निर्माण कंपनियां |
सलमान खान फिल्म्स टिप्स फिल्म्स |
वितरक | टिप्स फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ₹150 करोड़ [2] |
कुल कारोबार | अनुमानित ₹244.24 करोड़[3] |
रेस 3भारतीय हिन्दी फिल्म है, जिसका निर्देशन रेमो डीसूजा ने और निर्माण टिप्स फिल्म्स व सलमान खान फिल्म्स ने किया है। इस फिल्म में मुख्य किरदार में सलमान खान, अनिल कपूर, बॉबी देओल, जैकलिन फर्नांडीस, डेज़ी शाह आदि हैं। ये 2008 में बनी रेस फिल्म की तीसरी कड़ी है। ये फिल्म 15 जून 2018 को सिनेमाघरों में ईद के दिन प्रदर्शित की गई।
शमशेर सिंह (अनिल कपूर) का अपना अल-शिफा नाम का एक द्वीप होता है, जिसमें वो हथियारों और नशीले पदार्थों का व्यापार करता है। सिकंदर सिंह (सलमान खान) शमशेर का गोद लिया बेटा है, और उसी के साथ संजना (डेज़ी शाह) और सूरज (साक़िब सलीम) उसके जुड़वा बच्चे हैं। यश (बॉबी देओल) शमशेर के साम्राज्य का एक बहुत करीबी और सिकंदर का विश्वासपात्र रहता है। पिछले हुए घटनाओं में दिखाया जाता है कि रण विजय (फ्रेडी दारूवाला) शमशेर का दुश्मन है, जो शमशेर के व्यापार में परेशानियों को पैदा करते रहता है। जब संजना और सूरज 25 साल के हो जाते हैं, तो उनका वकील उनकी माँ की वसीयत सुनाता है, जिसके अनुसार वो दोनों उनकी जायदाद के 25-25% के हिस्सेदार होंगे और वहीं सिकंदर को 50% हिस्सेदारी मिलेगी। साफ-साफ इस तरह की पक्षपात को देख कर उन लोगों को सिकंदर से घृणा होने लगती है। शमशेर दोनों को बताता है कि सिकंदर उनके बड़े भाई रणछोड़ सिंह (मिलिंद गुनाजी) का बेटा है।
कहानी फिर पुराने समय, 1970 के दशक में हंडिया गाँव में चले जाती है। जिसमें सिंह परिवार के इतिहास को बताया जाता है। दोनों सिंह भाई भारतीय सेना को व्यापार देने का काम करते थे। वहीं हंडिया का रहने वाला एक नेता उनसे गैर-कानूनी रूप से हथियार मांगता है, जिसे रणछोड़ मना कर देता है। इस मनाही के कारण उस नेता से इनकी दुश्मनी हो जाती है। एक दिन कार में बम के कारण धमाके से उड़ जाता है, जिसमें रणछोड़ की मौत हो जाती है। इसके बाद सिंह परिवार पर दुश्मनों को हथियार बांटने का आरोप लग जाता है। इसके बाद शमशेर अपने बड़े भाई के बेटे, सिकंदर को बीजिंग में पढ़ाई के लिए भेज देता है, और वहीं सूरज, संजना और उसकी विधवा माँ को कंबोडिया ले जाता है।
कहानी फिर से वर्तमान समय में अल-शिफा में आ जाती है। जिसमें एक रात यश उसकी प्रेमी के बारे में सिकंदर को बताता है, सिकंदर कहता है कि बीजिंग में उसे एक लड़की, जेसिका (जैकलिन फर्नांडीस) से प्यार हो गया था, पर वो उसे छोड़ कर चले गई। शमशेर का बचपन का दोस्त बृजमोहन (राजेश शर्मा) कहता है कि उसके दोस्त का होटल नेताओं द्वारा इस्तेमाल हो रहा है, जो उसे अपने कामुक कार्यों के लिए उपयोग कर रहे हैं। ये सब एक जासूसी कैमरे में रिकॉर्ड हो चुका है और हार्ड ड्राइव में मौजूद है। वो हार्ड डिस्क कंबोडिया के बैंक लॉकर में रखा गया है। शमशेर इस काम को करने के लिए सिकंदर को भेजता है। अगले दिन पार्टी में पता चलता है कि जेसिका ही यश की प्रेमिका है। सिकंदर और जेसिका अकेले में सुरक्षा कमरे में मिलते हैं, उसके अगले दिन ही सूरज और संजना उन दोनों के मिलने को रिकॉर्ड किए थे, उस वीडियो को यश को दिखाते हैं। यश गुस्से में जेसिका के घर आता है, और वहीं सिकंदर भी मिल जाता है। सिकंदर उसे बाद में बताता है कि ये संजना और सूरज की चाल थी, जिससे वे सिकंदर को बर्बाद कर सकें। यश भी सिकंदर के साथ मिल जाता है, पर ये बात संजना और सूरज को नहीं पता चलती है। फिर वे सभी मिल कर उस हार्ड डिस्क को लेने के लिए निकल पड़ते हैं।
जब सिकंदर उस हार्ड डिस्क को शमशेर को दे देता है, तो शमशेर उसके कार में बम रख कर उसे उड़ा देता है और उन नेताओं से मिलने चले जाता है, जिनके वीडियो उस डिस्क में मौजूद हैं। उन नेताओं और उसके दो जुड़वा बच्चों के सामने शमशेर बताता है कि सिकंदर की बम धमाके में मौत हो गई है। उसके बाद वो जैसे ही हार्ड डिस्क को जोड़ता है, उसके होश उड़ जाते हैं। हार्ड डिस्क में उन नेताओं के वीडियो न हो कर, सिकंदर के माँ का वीडियो होता है, जो उसने खुद ही बनाया था। जिसमें वो बताती है कि रणछोड़ सिंह का खून शमशेर ने किया था और वो दोनों जुड़वा बच्चे भी रणछोड़ सिंह के ही हैं। इसके बाद सिकंदर आता है और बताता है कि किस तरह उसने रघु चाचा (शरत सक्सेना) की मदद से बम धमाके से अपनी जान बचाई। बाद में पता चलता है कि उसे ये सच्चाई दस साल पहले से पता थी। बाद में शमशेर बताता है कि यश उसका बेटा है। रेगिस्तान में सिकंदर और यश में लड़ाई होती है और सिकंदर शमशेर के सारे सैनिकों को मार कर यश और शमशेर को इंटरपोल अफसर जेसिका के सामने आत्म-समर्पण के लिए मजबूर कर देता है। उन दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर के हंडिया गाँव भेज दिया जाता है।
बाद में जेल होते समय दिखाया जाता है कि शमशेर पुलिस अफसर को रिश्वत देते रहता है। सिकंदर अपने दोनों भाई-बहन के साथ अल-शिफा में रहने लगता है और ये भी दिखाया जाता है कि वो उस हार्ड डिस्क को जेसिका को दे देता है।
इस फिल्म में हैदर और रईस आदि में काम करने वाले अभिनेता नरेन्द्र झा भी दिखने वाले थे, लेकिन 14 मार्च 2018 की सुबह ही उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके ड्राइवर लक्ष्मण सिंह के अनुसार मंगलवार की रात तक सबकुछ ठीक था, लेकिन उसके बाद अचानक उनके छाती में दर्द शुरू हो गया, जिसके बाद उन्हें नजदीकी अस्पताल में ले जाया गया।[5]
इसे मूल रूप से आबू धाबी में फिल्माया गया है, जिसमें कुल 35 दिन लगे और 6 अलग अलग जगहों पर इसे फिल्माया गया। ये बॉलीवुड की पाँचवी फिल्म है, जिसे इस शहर में फिल्माया गया है। इस फिल्म से पहले बेबी, बैंग बैंग, ढिशूम और टाइगर जिंदा है को इसी शहर में फिल्माया जा चुका है।