लाइफ़ इन ए... मेट्रो | |
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लाइफ़ इन ए... मेट्रो का पोस्टर | |
निर्देशक | अनुराग बसु |
लेखक | संजीव दत्ता (संवाद) |
पटकथा | अनुराग बसु |
निर्माता | रोनी स्क्रूवाला |
अभिनेता |
शाइनी आहूजा, इरफ़ान ख़ान, कंगना रनौत, शिल्पा शेट्टी, धर्मेन्द्र, कोंकणा सेन शर्मा, नफ़ीसा अली, शर्मन जोशी |
संगीतकार | प्रीतम |
प्रदर्शन तिथियाँ |
11 मई, 2007 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लाइफ़ इन ए... मेट्रो (हिन्दी: एक महानगर में जीवन) 2007 में बनी हिन्दी भाषा की नाट्य फिल्म है। इसे अनुराग बसु द्वारा लिखित और निर्देशित किया गया है।[1] यह आंशिक रूप से बिली वाइल्डर की रोमांटिक कॉमेडी फिल्म द अपार्टमेंट (1960) से प्रेरित है। इसमें धर्मेन्द्र, नफ़ीसा अली, शिल्पा शेट्टी,केके मेनन, शाइनी आहूजा, इरफ़ान ख़ान, कोंकणा सेन शर्मा, कंगना रनौत और शरमन जोशी जैसे कलाकार प्रमुख भूमिकाओं में हैं।[2] संगीत प्रीतम द्वारा रचित है और बोल सईद क़ादरी के हैं।
₹7 करोड़ के बजट पर बनी, लाइफ इन ए... मेट्रो 11 मई 2007 को जारी हुई और यह टिकट खिड़की पर आश्चर्यजनक रूप से से सफल रही। इसने दुनिया भर में ₹25 करोड़ से अधिक की कमाई की। इसकी नवीन अवधारणा, कहानी, पटकथा, संवाद, साउंडट्रैक और कलाकारों के प्रदर्शन के लिए इसे व्यापक आलोचनात्मक प्रशंसा मिली। 53वें फिल्मफेयर पुरस्कारों में, इसको सर्वश्रेष्ठ निर्देशक (बसु) और सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक (प्रीतम) सहित 6 नामांकन प्राप्त हुए और इसने 3 पुरस्कार जीते।
फिल्म 9 किरदारों के इर्द-गिर्द घूमती है।
अमोल (धर्मेन्द्र) शिवानी (नफ़ीसा अली) का पुराना प्रेमी है। उसने 40 साल पहले अमेरिका में अपने सपनों को पूरा करने के लिए उसे छोड़ दिया था। अब वह 70 साल का है और मौत का इंतजार कर रहा है। उसकी आखिरी इच्छा अपने आखिरी दिनों को शिवानी के साथ भारत में बिताने की है। शिवानी भी अपने आखिरी दिन गिन रही है।
शिवानी शिखा (शिल्पा शेट्टी) और श्रुति (कोंकणा सेन शर्मा) की मौसी हैं। उन्हें फिल्म की शुरुआत में अमेरिका से एक पत्र मिलता है, जिसे शिखा पढ़ती है। यह पत्र उसके पुराने प्रेमी अमोल (धर्मेन्द्र) का निकलता है। वह 40 साल पहले उसे छोड़कर अमेरिका चला गया था। उसने पत्र में बताया कि वह मरने से पहले संभवत: आखिरी बार भारत आ रहा है और वह आखिरी बार शिवानी से मिलना चाहता है।
श्रुति (कोंकणा सेन शर्मा) की बहन शिखा घोष कपूर (शिल्पा शेट्टी) अक्सर अपनी मौसी शिवानी (नफीसा अली) से मिलने उनके वृद्धाश्रम और भरतनाट्यम कक्षाओं में आती जाती है। रंजीत (के के मेनन) से उसकी शादी टूटने के कगार पे है। एक दिन, उसकी मुलाकात नाटक अभिनेता आकाश (शाइनी आहूजा) से होती है। उसके नाटक शिवानी अक्सर सुनती और पसंद करती हैं। शिखा और आकाश एक-दूसरे से दोस्तों की तरह बात करने लगते हैं और धीरे-धीरे रोमांटिक तरीके से एक-दूसरे के करीब आने लगते हैं।
30 साल का रंजीत कपूर (केके मेनन) की शादी श्रुति की बहन शिखा घोष से हुई है। उनकी एक 8 साल की बेटी है। उनका विवाहित जीवन सुखी नहीं चल रहा है। अपनी नाखुश शादी के कारण, उसने प्यार के लिए नहीं बल्कि खुशी के लिए नेहा (कंगना रनौत) के साथ नाजायज रिश्ता शुरू किया हुआ है। जिसके बारे में पिछले 2 सालों से कोई नहीं जानता।
आकाश शर्मा (शाइनी आहूजा) एक असफल थिएटर कलाकार है जो शिखा (शिल्पा शेट्टी) के साथ घनिष्ठ संबंध बनाता है। उसने उसे बताया कि उसकी पेशेवर विफलता के कारण उसकी पत्नी ने उसे छोड़ दिया है और वह दुबई में नौकरी तलाशने की योजना बना रहा है।
मोंटी (इरफ़ान ख़ान) लगभग 30 वर्ष का है और शादी करने के लिए उत्सुक है। एक दिन भावी दूल्हे के रूप में उसकी मुलाकात श्रुति (कोंकणा सेन शर्मा) से होती है। श्रुति को ग़लतफ़हमी होती है कि मुलाकात के दौरान मोंटी पूरी तरह फ़्लर्ट करता है और उनकी मुलाकात अच्छी नहीं जाती। हालाँकि मोंटी श्रुति का पूरा सम्मान करता है। बाद में श्रुति के अपने बॉस (अश्विन मुशरन) से ब्रेकअप हो जाने के बाद दोनों फिर से मिलते हैं। वे दोस्तों के रूप में एक साथ समय बिताना शुरू करते हैं और अंततः एक-दूसरे के लिए भावनाएं विकसित करते हैं।
श्रुति (कोंकणा सेन शर्मा), शिखा की बहन और नेहा (कंगना रनौत) की रूममेट है। वह 27 साल की है और शादी करने के लिए बहुत उत्सुक है। वह कई भावी दूल्हों से मिलती है, जिनमें से एक मोंटी है। वह श्रुति को बहुत अजीब और बूढ़ा लगता है।
नेहा (कंगना रनौत) करियर में आगे बढ़ने के लिए उत्सुक है। वह रंजीत (केके मेनन) के साथ नाजायज रिश्ता शुरू कर देती है। वह और रंजीत अक्सर राहुल (शरमन जोशी) के घर जाते हैं। वह नहीं जानता कि रंजीत की प्रेमिका नेहा है। नेहा अपने अफेयर को लेकर थोड़ा दोषी महसूस करती है और परोक्ष रूप से अपनी रूममेट श्रुति (कोंकणा सेन शर्मा) को अपनी भावनाएं बताती है, जो रंजीत की पत्नी शिखा (शिल्पा शेट्टी) की बहन है।
राहुल (शरमन जोशी) एक युवा व्यक्ति है जो एक कॉल सेंटर में काम करता है और ऊंचे पद पर पहुंचना चाहता है। वह चुपचाप अपनी सहकर्मी नेहा (कंगना रनौत) से प्यार करता है, जो अपने बॉस रंजीत (केके मेनन) के साथ अपने नाजायज संबंधों के कारण ऊंचे पद पर पहुंच गई है।
सभी प्रीतम द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "इन दिनों" | सईद क़ादरी | सोहम चक्रवर्ती | 6:37 |
2. | "अलविदा" | अमिताभ वर्मा | केके | 5:38 |
3. | "ओ मेरी जान" | संदीप श्रीवास्तव | केके | 5:05 |
4. | "रिश्ते" | सईद क़ादरी | जेम्स | 7:20 |
5. | "कर सलाम" | सईद क़ादरी | सुहेल कौल, सोहम चक्रवर्ती | 3:55 |
6. | "बातें कुछ अनकही" | संदीप श्रीवास्तव | अदनान सामी | 4:35 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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1992 | अनुराग बसु | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित |
अनुराग बसु | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पटकथा पुरस्कार | जीत | |
संजीव दत्ता | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन पुरस्कार | नामित | |
इरफ़ान ख़ान | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | जीत | |
कोंकणा सेन शर्मा | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | जीत | |
प्रीतम | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक पुरस्कार | नामित |