ली लिन्यिंग 李連英 | |
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ली लिन्यिंग | |
सर्वोच्च राजशाही हिजड़ा
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कार्यकाल 1869-1908 | |
पूर्वा धिकारी | आन देहाई |
जन्म | 12 नवम्बर 1848 |
मृत्यु | 4 मार्च 1911 | (उम्र 62 वर्ष)
ली लिन्यिंग (सरलीकृत चीनी वर्ण: 李连英; पारम्परिक चीनी वर्ण: 李連英; पिनयिन: Lǐ Liányīng; नवम्बर 12, 1848 - मार्च 4, 1911) चिंग राजवंश का एक राजशाही हिजड़ा था जो महारानी डोवागेर चिक्सी के शासन में सत्ता मुख्य केन्द्र बना। महारानी 1869 से 1908 तक सत्ता की मुख्य पात्र बनी हुई थी।
ली सर्वोच्च हिजड़े (总管太监) के तौर पर कार्य सम्भाले हुई था। उसे 1908 में पद से हटाया था। ली राज दरबार में प्रमुख बना रहा। वह अन्य हिजड़ों की हरकतों पर नज़र रखने से लेकर महारानी से मिलने वालों को आज्ञा तक के मामलों में निर्णायक बना हुआ था। इन मामलों में काफ़ी खूस जुड़ी होती है और ली ने मौके का खूब फ़ायदा उठाया।
महाराजा गुआंग्शू को 1908 में ज़हर देकर मारा गया था। तब से इतिहासकार ली को महाराजा की हत्या का सबसे संदिग्ध व्यक्ति मानते हैं। [1]
1991 की फ़िल्म "ली लिन्यिंग: दि इम्पीरियल इयूनक" जिसे तियान ज़ुआंगज़ुआंग ने निर्देशित किया, ली लिन्यिंग की झलक प्रस्तुत करती है। हाँग-काँग टीवीबी 2012 का नाटक "दी कॉन्फ़िडान्ट" भी ली लिन्यिंग के जीवन पर आधारित है।