लेस्ली वाल्टर क्लॉडियस | |
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जन्म |
25 मार्च 1927 बिलासपुर,छत्तीसगढ़ भारत |
मौत |
दिसम्बर 20, 2012 |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
नागरिकता | भारतीय |
पेशा | हॉकी |
ऊंचाई | 5 फीट, 2 इंच |
पदक रिकॉर्ड | ||
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भारत के प्रत्याशी | ||
पुरुष हॉकी | ||
ओलंपिक खेल | ||
स्वर्ण | लंदन | 1948 |
ओलंपिक खेल | ||
स्वर्ण | हेलसिंकी | 1952 |
ऑलंपिक खेल | ||
स्वर्ण | मेलबोर्न | 1956 |
ऑलंपिक खेल | ||
रजत | रोम | 1960 |
लेस्ली क्लॉडियस (25 मार्च 1927- 20 दिसंबर 2012[1]) मैदानी हॉकी के प्रसिद्ध भारतीय खिलाड़ी थे। भारत सरकार ने इन्हें 1971 में पद्मश्री पुरूस्कार से सम्मानित किया।
लेस्ली क्लॉडियस का जन्म बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में 25 मार्च 1927 को हुआ। एंग्लोइंडियन समुदाय के क्लॉडियस की रूचि खेलों में बचपन से ही थी। क्लॉडियस का निधन 85 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक निजी अस्पताल में 20 दिसंबर 2013 को हो गया।
क्लॉडियस पहले बंगाल नागपुर रेलवे टीम के लिए फुटबॉल खेलते थे। 1946 में उन्हें बेटन कप के लिए बंगाल नागपुर हॉकी टीम में जगह दी गयी। इसके बाद उन्होंने फुटबाल छोड़ के हॉकी पर ही ध्यान देना शुरू किया। 1948 के लंदन ओलंपिक, 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक और 1956 के मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य रहे क्लॉडियस ने वर्ष 1960 के रोम ओलंपिक में भारतीय टीम की कप्तानी की, रोम ओलिंपिक में भारत ने रजत पदक प्राप्त किया। [1]
क्लॉडियस और उधम सिंह का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है। इन दोनों ने हॉकी में ओलिंपिक के सर्वाधिक पदक प्राप्त किये हैं। [2]
२०१२ के लंदन ओलम्पिक खेलों के समय तीन भारतियों खिलाडियों के नाम पर वहां की मेट्रो स्टेशन के नाम रखे गए जिनमे भारतीय हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद, रूप सिंह और क्लॉडियस के नाम थे।[3]
"क्लॉडियस स्वयं अपना चयनकर्ता है। चयन समिति के लोगों को तो अन्य खिलाडियों का चयन करना पड़ता है।" - मेजर ध्यानचंद