वचन साहित्यकन्नड साहित्य का भाग है जिसकी रचना ११वीं शताब्दी में हुई तथा १२वीं शताब्दी में फला-फूला। वचन साहित्य आसानी से समझ आने वाला गद्य साहित्य है। मादर चेन्नय्य नामक एक सन्त इसके प्रवर्तक कहे जाते हैं जो मोची का काम करते थे। यह पश्चिमी चालुक्यों का शासन काल था।