वसीम जाफर उच्चारण सहायता·सूचना (जन्म १६ फरवरी १९७८) एक भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी हैं। वह दाएं हाथ के सलामी बल्लेबाज और दाएं हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज हैं। वर्तमान में वह अमोल मुजुमदार को पीछे छोड़ते हुए रणजी ट्रॉफी क्रिकेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।[1] नवंबर २०१८ में, वह प्रतियोगिता में ११,००० रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने।[2] जनवरी २०१९ में वह मध्य प्रदेश के देवेंद्र बुंदेला (१४५) को पछाड़कर १४६ रणजी ट्रॉफी मैच खेलने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया।[3] साथ ही उन्हें बांग्लादेश क्रिकेट टीम के लिए बल्लेबाजी कोच के रूप में नियुक्त किया गया था।
एक शानदार स्कूली करियर के बाद, उन्होंने जिले और राज्य स्तर पर क्रिकेट खेला। स्कूली करियर में उनके नाम नाबाद ४०० रनों की पारी भी शामिल। इसके बाद उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अपनी जगह बनाई और अपने दूसरे मैच में तिहरा शतक बनाया। ३१४ रनों की इस पारी ने मुंबई को पहली बार सीरीज जीतने में भी मदद की।[4][5] यह पहला अवसर था जब किसी बल्लेबाज ने मुंबई के लिए घर से दूर एक तिहरा शतक बनाया था और अपने सलामी जोड़ीदार सुलक्षण कुलकर्णी के साथ ४५९ रन बनाकर मुंबई टीम के लिए नया कारनामा किया।[6]
मोहम्मद अजहरुद्दीन की शैली के साथ एक सलामी बल्लेबाज, जाफर से बहुत उम्मीद थी क्योंकि उन्होंने २००० में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला में टेस्ट क्रिकेट में जगह बनाई थी। हालांकि, अनुभवी गेंदबाज शॉन पोलक और एलन डोनाल्ड का सामना करना बहुत मुश्किल रहा और वह अपनी चार पारियों में सिर्फ ४६ रन ही बना पाये। इसके बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया था। लेकिन अंततः वेस्ट इंडीज के दौरे के लिए मई २००२ में उनका फिर टीम में नाम आया। वह जाफर के लिए एक बहुत अच्छी श्रृंखला रही थी, जिसमें ब्रिजटाउन में ५१ और एंटीगुआ में ८६ रन बनाए। उन्होंने इंग्लैंड के दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल होने के लिए काफी कुछ किया था, लेकिन लॉर्ड्स में अर्धशतक के बावजूद, दूसरी पारी में कुछ खास नहीं कर पाये और दो टेस्ट के बाद बाहर हो गए।
जाफर को बेहतरीन घरेलू फॉर्म के मद्देनजर रखते हुए पाकिस्तान के २००५-०६ के दौरे के लिए टेस्ट टीम में वापस बुलाया गया था लेकिन वह खेल नहीं पाये थे। इसके बाद उन्हें अगली सीरीज में मौका मिला और अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। यह शतक नागपुर में इंग्लैंड के खिलाफ बनाया था।
उन्होंने जून २००६ में वेस्टइंडीज के खिलाफ एंटीगुआ रिक्रिएशन ग्राउंड में अपना पहला टेस्ट दोहरा शतक बनाया।[7] दूसरी पारी के दौरान उनका २१२ से अधिक ५०० मिनट में बनाया गया स्कोर कैरेबियाई जमीन पर एक भारतीय बल्लेबाज द्वारा दूसरा सबसे बड़ा स्कोर था।[8]
जाफर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ २००८ में खेला था।
Wasim Jaffer से संबंधित मीडिया विकिमीडिया कॉमंस पर उपलब्ध है। |