इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है। कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (अप्रैल 2014) स्रोत खोजें: "वादी स्वर" संगीत – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR) |
राग का सबसे महत्वपूर्ण स्वर वादी कहलाता है। इसे राग का राजा स्वर भी कहते हैं। इस स्वर पर सबसे ज़्यादा ठहरा जाता है और बार बार प्रयोग किया जाता है। किन्हीं दो रागों में एक जैसे स्वर होते हुये भी उन में वादी स्वर के प्रयोग के द्वारा आसानी से फ़र्क बताया जा सकता है। जैसे कि राग भूपाली में और राग देशकार में एक जैसे स्वर लगते हैं- सा, रे, ग, प, ध मगर राग भूपाली में ग वादी है और राग देशकार में ध स्वर को वादी माना गया है। इस तरह से दोनों रागों के स्वरूप बदल जाते हैं।