विजय कुमार एक प्रमुख भारतीय निशानेबाज हैं, जिनका जन्म 19 अगस्त 1985 को हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के बारसर गाँव में हुआ। वे 2012 के लंदन ओलंपिक में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल इवेंट में रजत पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने।[1]
विजय कुमार के पिता, बैंकु राम, भारतीय सेना में सेवानिवृत्त सूबेदार हैं। उनका परिवार हमेशा से सेना के प्रति समर्पित रहा है। विजय ने 2001 में भारतीय सेना में भर्ती होकर अपनी करियर की शुरुआत की और 2003 में आर्मी मार्कमैनशिप यूनिट (AMU) में शामिल हुए। 20 अप्रैल 2006 को उन्हें नायब सूबेदार के पद पर पदोन्नत किया गया।[2]
विजय कुमार ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद, उन्हें कई पुरस्कार मिले, जिनमें अर्जुन पुरस्कार (2007), राजीव गांधी खेल रत्न (2012), अति विशिष्ट सेवा मेडल (2013), और पद्म श्री (2013) सम्मिलित हैं।[3]
विजय कुमार ने 2021 में नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में वापसी की, जहां उन्होंने प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि यह उनके लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि वे नए निशानेबाजों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, जिन्होंने लंबे समय तक प्रशिक्षण लिया था।
विजय कुमार अब एक सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर हैं और उन्हें मानद कप्तान का पद दिया गया है। वे भारतीय सेना के मार्कमैनशिप यूनिट में प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत हैं और युवा निशानेबाजों को प्रशिक्षित कर रहे हैं।विजय कुमार की उपलब्धियाँ न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम हैं, बल्कि वे भारतीय निशानेबाजी में एक प्रेरणा भी बन चुके हैं।