विदेशों में रोजगार करने वाले और वहाँ जाकर बसे प्रवासी भारतीय, भारत स्थित अपने परिवार, मित्र या सम्बन्धियों को पैसे (धन) भेजते रहते हैं। वस्तुतः विदेशों से भेजे गए धन के मामले में भारत सबसे अग्रणी देशों में आता है। सन २०१५ में विश्व के विभिन्न देशों में प्रेषित कुल धन का 12% से अधिक धन भारत में आया जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग ४ प्रतिशत है।
वर्ष | विप्रेषण | जीडीपी का कितना प्रतिशत |
---|---|---|
1990–1991 | US$2.10 bn | 0.70% |
1995–1996 | US$8.50 bn | 3.22% |
1999–2000 | US$12.07 bn | 2.72% |
2000–2001 | US$12.85 bn | 2.84% |
2001–2002 | US$15.40 bn | 3.29% |
2002–2003 | US$16.39 bn | 3.39% |
2003–2004 | US$21.61 bn | 3.69% |
2004–2005 | US$20.25 bn | 3.03% |
2005–2006 | US$24.55 bn | 3.08% |
2006–2007 | US$29.10 bn | |
2007–2008 | US$37.20 bn | |
2008–2009 | US$51.60 bn | |
2009–2010 | US$55.06 bn | |
2011–2012 | US$66.10 bn | 4.00% [1] |
2012–2013 | US$67.60 bn | [2] |
2013-2014 | US$70.39 bn | [3][4] |
2014-2015 | US$66.30 bn | [5] |
2015–2016 | US$62.70 bn | |
2016–2017 | US$65.30 bn | |
2017–2018 | US$80.00 bn |
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