विनायक पांडुरंग करमरकर (१८९१– १९६७) भारतीय कलाकार थे जिन्हें मूर्तियाँ बनाने के लिए जाना जाता था।[1] उन्हें भारत सरकार ने १९६४ में पद्म श्री से पुरस्कृत किया।[2]