विलियम वेब एलिस कप | |
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वर्णन | विजेता रग्बी यूनियन विश्व कप |
प्रथम सम्मानित | १९८७ |
वर्तमान में सम्मानित | न्यूज़ीलैंड |
जालस्थल |
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विलियम वेब एलिस कप, रग्बी यूनियन विश्व कप के विजेता को दी जाती है।[1][2] इस कप का नाम विलियम वेब एलिस के नाम पर है, जो एक लोकप्रिय मिथक के अनुसार प्रसिद्ध रग्बी स्कूल के छात्र थे और एक फुटबॉल मैच के दौरान गेंद को उठा कर रग्बी खेल का आविष्कार किया।[3][4]
ट्रॉफी 38 सेंटीमीटर उंची और 4.5 किलो वजन है, और चांदी से बनी है।[5] यह कप पहली बार न्यूज़ीलैंड ने १९८७ रग्बी यूनियन विश्व कप जीत कर प्राप्त किया था।[6] कप को "बिल" उपनाम से भी बुलाया जाता है।
दो आधिकारिक वेब एलिस कप रहे हैं, एक कप लंदन की कैरिंगटन और कंपनी द्वारा बनाई गई एक 1906 ट्रॉफी है, दूसरी एक 1986 प्रतिकृति है।[7]
जॉन केंडल-कारपेंटर, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और पहले रग्बी यूनियन विश्व कप के आयोजक और बॉब वेइगहिल, इंग्लैंड के पूर्व खिलाड़ी और अंतरराष्ट्रीय रग्बी बोर्ड के सचिव, गेरार्ड एंड कंपनी का दौरा किया, जिसके निदेशक रिचर्ड जार्विस ने उन्हें यह कप दिखाया।[5] जिसके बाद यह कप पहले विश्व कप मे उपयोग के लिए चुना गया। ट्रॉफी का अनुरक्षित प्रत्येक खेल के बाद सुनार थॉमस ल्यट करते है।[8][9] इसे जल्द ही "विलियम वेब एलिस कप" नाम दिया गया। कप चार देशों द्वारा जीता गया है; न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड।
कप के वर्तमान धारक न्यूजीलैंड है, जिसे वे २०११ विश्व कप के फाइनल में फ्रांस को 8-7 से हराने के बाद जीता।[10] कप हर विश्व कप टूर्नामेंट से पहले दौरे पर चला जाता है, विश्व कप के फाइनल में भाग लेने वाले सभी राष्ट्रों के लिए।[11]
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की उपेक्षा की गयी (|author=
सुझावित है) (मदद) (ISBN 9780714653532)