विश्वात्मा | |
---|---|
विश्वात्मा का पोस्टर | |
निर्देशक | राजीव राय |
लेखक | राजीव राय |
निर्माता | गुलशन राय |
अभिनेता |
सनी देओल, नसीरुद्दीन शाह, चंकी पांडे, सोनम, दिव्या भारती, ज्योत्सना सिंह अमरीश पुरी |
छायाकार | रोमेश भल्ला |
संपादक | नरेशा मल्होत्रा |
संगीतकार |
कल्याणजी-आनंदजी विजू शाह |
वितरक | त्रिमूर्ति फिल्म्स |
प्रदर्शन तिथि |
24 जनवरी 1992 |
लम्बाई |
181 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
विश्वात्मा 1992 में बनी हिन्दी भाषा की एक्शन रोमांचकारी फ़िल्म है। यह राजीव राय द्वारा निर्देशित और गुलशन राय द्वारा निर्मित है। इसमें सनी देओल, नसीरुद्दीन शाह, चंकी पांडे, दिव्या भारती (उनकी पहली हिन्दी फिल्म में), सोनम, ज्योत्सना सिंह जैसे कलाकार शामिल हैं। विजू शाह ने संगीत तैयार किया। गाना "सात समुन्दर" उस साल का बहुत बड़ा चार्टबस्टर बना था।[1]
इस फ़िल्म को केन्या में बड़े पैमाने पर फिल्माया गया और यह वहां शूट होने वाली पहली भारतीय फिल्म थी। रिलीज होने पर फिल्म को समकालीन समीक्षकों से आलोचनात्मक प्रशंसा मिली। इसने दुनिया भर में अपने कुल प्रदर्शन के दौरान ₹9.5 करोड़ से अधिक की कमाई की। इस तरह यह 1992 की छठी सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म है। इस फ़िल्म के गाने बहुत सफल रहे थे।
प्रभात सिंह (सनी देओल) एक ईमानदार और समर्पित पुलिस अधिकारी है। प्रभात के पिता (आलोक नाथ) शांति में विश्वास रखते हैं और अपने देश में रक्तपात/अशांति का विरोध करते हैं। प्रभात को अब सबसे खतरनाक अपराधी "अजगर जुर्राट" (अमरीश पुरी) को पकड़ने के मिशन पर रखा गया है। वह वर्तमान में केन्या में रहता है लेकिन भारत में काम करता है। प्रभात एक मुठभेड़ में अजगर के भाई को मार डालता है। क्रोधित होकर अजगर प्रभात के स्कूल जाने वाले छोटे भाई का अपहरण कर लेता है और उसकी हत्या करा देता है। प्रभात का परिवार तबाह हो जाता है और उसके पिता उसके भाई की मौत के लिए उसे दोषी मानते हैं। इसलिए प्रभात भारत के एक सुदूर गाँव में चला जाता है।
इस बीच अजगर का एक आदमी - मदन भारद्वाज - उसके खिलाफ हो जाता है। गिरफ्तारी के डर से, अजगर मदन को उसकी शादी की रात ही मार डालता है। उसके बाद, अजगर का बेटा मदन की पत्नी के साथ बलात्कार करता है। जिससे वह सदमे में चली जाती है। इस प्रकार, मदन का भाई आकाश भारद्वाज (चंकी पांडे) अजगर से बदला लेने की कसम खाता है। बाद में, अजगर केन्या भाग जाता है और पुलिस कमिश्नर (रज़ा मुराद) प्रभात से संपर्क करने का फैसला करता है। क्योंकि वह एकमात्र व्यक्ति है जो अजगर को पकड़ सकता है और उसे वापस भारत ला सकता है। प्रभात मिशन पर जाने के लिए सहमत हो जाता और आकाश के साथ केन्या रवाना हो जाता है।
केन्या में, उनकी मुलाकात उनके मेजबान एवं ईमानदार इंस्पेक्टर सूर्य प्रताप (नसीरुद्दीन शाह) से होती है। अजगर को पहले से ही पता है कि प्रभात और आकाश उसे पकड़ने के लिए वहां हैं, इसलिए वह जानता है कि कानून का पालन करने वाला सूर्य यह सुनिश्चित करेगा कि अजगर जैसे केन्याई नागरिक को नुकसान ना पहुंचे। प्रभात और आकाश मदन की साली रेणुका (सोनम) को ढूंढते हैं, जो उनकी तरह इसी गुप्त मिशन पर है। वह उन्हें अजगर के करीब पहुंचने में मदद करती है। वह उन्हें बताती है कि अजगर केन्या में एक सम्मानित नागरिक है, इसलिए उसे पकड़ना बहुत कठिन है। वे अजगर और उसके गुर्गों को पकड़ने के लिए कई तरकीबें आजमाते हैं, लेकिन सूर्य हर बार उन्हें नाकाम कर देता है। प्रभात और आकाश सूर्य को अजगर को गिरफ्तार करने के लिए मनाने की कोशिश करते हैं। परिणामस्वरूप, सूर्य उन दोनों से बहुत निराश हो जाता है, क्योंकि उसे लगता है कि वे केन्या में परेशानी पैदा कर रहे हैं।
कुछ दिनों के बाद, रेणुका की मदद से प्रभात और आकाश सूर्य प्रताप की जानकारी के बिना अजगर को पकड़ने में सफलता हासिल कर लेते हैं। यह सुनकर क्रोधित सूर्य उन्हें पकड़ लेता है और वापस भारत भेज देता है। लेकिन फिर सच्चाई जानने पर क्रोधित सूर्य प्रताप अजगर से भिड़ जाता है, पर उसे उसकी बेटी के साथ पकड़ लिया जाता है। प्रभात और आकाश, जो अपनी भारत की उड़ान से बचकर आ जाते हैं, सूर्य को बचाते हैं। तीनों अजगर और उसके गुर्गों को हमेशा के लिए पकड़ने के मिशन में शामिल हो जाते हैं। अंत में, मिशन सफल होता है। अंत में: आकाश को अजगर की बेटी सोनिया से प्यार हो जाता है; सूर्य रेणुका से प्यार करने लगता है और उसकी समय पर दी गई जानकारी और चतुर मदद के लिए आभारी हो जाता है। प्रभात अंततः उस भारतीय लड़की के प्यार में पड़ जाता है, जो केन्या तक उसका पीछा करती है - कुसुम (दिव्या भारती)। अंततः प्रभात अपने दोस्तों सूर्य प्रताप, आकाश और पकड़े गये अपराधी अजगर के साथ भारत लौट आता है। प्रभात-कुसुम, सूर्य-रेणुका और आकाश-सोनिया की जोड़ी आखिरकार एक हो जाती है।
सभी गीत आनन्द बक्शी द्वारा लिखित; सारा संगीत विजू शाह द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
---|---|---|---|
1. | "दिल ले गई तेरी बिंदिया" | अमित कुमार, सपना मुखर्जी, उदित नारायण, मोहम्मद अज़ीज़ | 6:48 |
2. | "सात समुन्दर पार" (वाद्य संगीत) | — | 6:32 |
3. | "आदमी ज़िन्दगी" (भाग I) | मोहम्मद अज़ीज़ | 4:44 |
4. | "आदमी ज़िन्दगी" (भाग II) | मोहम्मद अज़ीज़ | 3:31 |
5. | "दिल ले गई तेरी बिंदिया" (भाग II) | मोहम्मद अज़ीज़, कुमार सानू, उदित नारायण, सपना मुखर्जी, साधना सरगम | 1:41 |
6. | "आँखों में है क्या" | उदित नारायण, अलका यागनिक, मोहम्मद अज़ीज़, साधना सरगम | 6:28 |
7. | "शीर्षक" (संवाद) | नसीरुद्दीन शाह | 5:15 |
8. | "तूफ़ान" | साधना सरगम, अमित कुमार, अलका यागनिक, सपना मुखर्जी | 7:40 |
9. | "सात समुन्दर पार" | साधना सरगम | 6:37 |
10. | "सात समुन्दर पार" (पुरुष संस्करण) | उदित नारायण, जॉली मुखर्जी | 1:15 |