वृत्ति, योग से सम्बन्धित एक शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ 'भँवर' है। योगसूत्र में ऋषि पतंजलि ने आरम्भ में ही कहा है - योगः चित्तवृत्ति निरोधः "वृत्ति" शब्द का सामान्य अर्थ होता है-व्यवहार सामान्य रूप से किया गया व्यवहार ही 'वृत्ति' कहलाता है।
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