व्यास सम्मान भारतीय साहित्य के लिए दिया जाने वाला साहित्य-सम्मान साहित्य अकादमिक पुरस्कार है। इस पुरस्कार को १९९१ में के के बिड़ला फाउंडेशन ने प्रारंभ किया था। इस पुरस्कार में ४ लाख जाते हैं। १० वर्षों के भीतर प्रकाशित हिन्दी की कोई भी साहित्यिक कृति इस पुरस्कार की पात्र हो सकती है। अज्ञेय, कुंवर नारायण तथा केदार नाथ सिंह को भी इस पुरस्कार से अलंकृत किया जा चुका है।
- 1991 – भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी, रामविलास शर्मा[1]
- 1992 – नीला चाँद, शिव प्रसाद सिंह
- 1993– मैं वक्त के सामने हूँ, गिरिजाकुमार माथुर[2]
- 1994 – सपना अभी भी, धर्मवीर भारती की कृति[3]
- 1995 – आत्मजयी, कुँवर नारायण की कृति[4][5]
- 1996 – हिन्दी साहित्य और संवेदना का विकास, राम स्वरूप चतुर्वेदी की कृति।
- 1997 - उत्तर कबीर तथा अन्य कवितायें, केदारनाथ सिंह
- 1998 – पाँच आँगनों वाला घर, गोविन्द मिश्र की कृति[3]
- 1999 – बिस्रामपुर का संत, श्रीलाल शुक्ल की कृति[6]
- 2000 – पहला गिरमिटिया, गिरिराज किशोर का उपन्यास[7]
- 2001 – आलोचना का पक्ष, रमेश चंद्र शाह[8]
- 2002 – पृथ्वी का कृष्णपक्ष, कैलाश बाजपेजी की कृति[9]
- 2003 – आवां, चित्रा मुद्गल का उपन्यास[10]
- 2004 – कठगुलाब, मृदुला गर्ग का उपन्यास[11]
- 2005 – कथा सरित्सागर, चंद्रकांता का उपन्यास[12]
- 2006 – कविता का अर्थात, परमानंद श्रीवास्तव[13]
- 2007 – समय सरगम, कृष्णा सोबती की कृति[14]
- 2008 – एक कहानी यह भी, मन्नू भंडारी की कृति[15]
- 2009 – इन्हीं हथियारों से, अमरकांत[16][17]
- 2010 – फिर भी कुछ रह जाएगा, विश्वनाथ प्रसाद तिवारी[18]
- 2011 – आम के पत्ते, रामदरश मिश्रा की कविताओं का संग्रह[19]
- 2012 – न भूतो न भविष्यति, नरेन्द्र कोहली का उपन्यास[19]
- 2013 – व्योमकेश दरवेश, विश्वनाथ त्रिपाठी का संस्मरण[20]
- 2014 – प्रेमचंद की कहानियों का कालक्रमानुसार अध्धयन, कमल किशोर गोयनका
- 2015 – क्षमा, सुनीता जैन[21]
- 2016 – काटना शमी का वृक्ष-पद्म पंखुरी की धार से ,सुरेंद्र वर्मा [21]
- 2017 – दुक्खम सुक्खम ममता कालिया
- 2018 – जितने लोग उतने प्रेम, लीलाधर जगूड़ी[22]
- 2019 – कागज की नाव, नासिरा शर्मा
- 2020 – पाटलिपुत्र की साम्राज्ञी (उपन्यास), शरद पगारे[23]
- 2021 – महाबली (नाटक) असग़र वजाहत (फतेहपुर, उत्तर प्रदेश)[24]
- 2022 – पागलखाना (उपन्यास) , ज्ञान चतुर्वेदी
- 2023 – यादें यादें और यादें (संस्मरण), पुष्पा भारती