शक्ति मॉसफेट या 'पॉवर मॉसफेट' (Power MOSFET) विशेष प्रकार के मॉसफेट होते हैं जो अपेक्षाकृत अधिक विद्युत शक्ति संभाल सकते हैं। अर्थात ये अधिक वोल्टता या अधिक धारा या अधिक वोल्टता और धारा को हैंडिल करने में सक्षम होते हैं। आईजीबीटी, एससीआर आदि अन्य पावर-एलेक्ट्रानिक युक्तियों की अपेक्षा इन्हें उपयोग में लाने का मुख्य लाभ यह है कि इन्हें अधिक आवृत्ति पर चालू-बन्द (ON/OFF) किया जा सकता है। शक्ति-परिपथों को जितनी अधिक आवृत्ति पर चलाया जाता है, उनमें लगने वाले प्रेरकत्व, ट्रांसफॉर्मर, संधारित्र आदि का आकार उतने ही छोटे होते हैं। शक्ति मॉसफेट विशेषतः कम वोल्टता पर काम करना हो तो पॉवर मॉसफेट के उपयोग से दक्षता अधिक मिलती है। अधिक वोल्टता वाले पॉवर मॉसफेटों की चालू अवस्था का प्रतिरोध (ON resistance) अधिक होता है जिसके कारण इनके उपयोग से अधिक शक्ति क्षय होता है और कम दक्षता प्राप्त होती है। इसी कारण शक्ति मॉसफेट कम वोल्टता (२०० वोल्ट से कम) पर सर्वाधिक उपयोग किया जाने वाला स्विच है।
शक्ति मॉसफेट के कार्य करने का तरिका वही है जो कम शक्ति पर काम करने वाले मॉसफेट का है। जब सन् १९७० दशक के आखिरी दिनों में आईसी निर्माण के लिये CMOS तकनीक का विकास हुआ तो मॉसफेट का जन्म हुआ।
१९८० के दशक के आरम्भ में जब प्रथम शक्ति मॉस्फेटों का विकास हुआ तब बहुतेरी संरचनाओं को आजमाया गया। किन्तु उनमें से अधिकांश को अब त्याग दिया गया है और वर्टिकल डिफ्युज्ड मॉस (या VDMOS) सर्वाधिक उपयुक्त संरचना सिद्ध हुई है।
सामने के चित्र में वीडीमॉस की अनुप्रस्थ काट दिखायी गयी है। इससे इस युक्ति की उर्ध्वाधरता देखी जा सकती है। द्रष्टव्य है कि इसका 'सोर्स' एलेक्ट्रोड 'ड्रेन' के उपर अवस्थित है जिसके कारण चालू अवस्था में इसमें धारा उर्ध्वाधर दिशा में बहेगी।
सही कहें तो शक्ति मॉसफेटों की संरचना 'लैटरल मॉसफेटों' से अलग होती है। शक्ति मॉसफेट की संरचना 'प्लेनर' न होकर उर्ध्वाधर होती है। (यही स्थिति अधिकांश शक्ति युक्तियों में है।)
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