शत्रुघन सिन्हा | |
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पद बहाल 2009 – मई 2019 | |
उत्तरा धिकारी | रवि शंकर प्रसाद [1] |
चुनाव-क्षेत्र | पटना साहिब[2] |
बहुमत | 2,65,805 (30.11%) |
जन्म | 15 जुलाई 1946 |
राजनीतिक दल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (2019 से) |
अन्य राजनीतिक संबद्धताऐं |
भारतीय जनता पार्टी (2019 तक) |
व्यवसाय | अभिनेता, राजनीतिज्ञ |
शत्रुघन सिन्हा (जन्म: 15 जुलाई, 1946) एक हिन्दी फिल्म अभिनेता एवं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (2019) के राजनीतिज्ञ हैं। वह पटना साहिब से लोकसभा (2009-2014, 2014-2019)[2] और राज्यसभा (1996-2002, 2002-2008) के सदस्य थे।[3]
सिन्हा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (2019) के सदस्य हैं। राजेश खन्ना के खिलाफ एक उपचुनाव में चुनाव लड़कर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया। सिन्हा ने एक साक्षात्कार में उद्धृत किया कि उनके जीवन में उनका सबसे बड़ा अफसोस उनके दोस्त खन्ना के खिलाफ चुनाव लड़ रहा था। खन्ना ने 25,000 वोटों से सिन्हा को हराकर चुनाव जीते लेकिन हालांकि, उन्हें चोट लगी और उसके बाद सिन्हा से कभी बात नहीं की। सिन्हा ने खन्ना के साथ अपनी दोस्ती का पुनर्निर्माण करने की कोशिश की, हालांकि 2012 में खन्ना की मौत तक कभी नहीं हुआ।
उन्होंने भारतीय आम चुनाव, २००९ के दौरान बिहार में पटना साहिब लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र जीता। उन्होंने एक और सिनेमा सेलिब्रिटी शेखर सुमन को हराया। कुल 552,293 वोटों में से मतदान में सिन्हा को 316,472 वोट मिले। उन्होंने बाद के भारतीय आम चुनाव, 2014 में भी सीट जीती।
वह 13 वीं लोक सभा से तीसरे वाजपेयी मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री बने, जिसमें दो पोर्टफोलियो, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग (जनवरी 2003-मई 2004) और शिपिंग विभाग (अगस्त 2004) शामिल थे। मई 2006 तक, उन्हें बीजेपी संस्कृति और कला विभाग के प्रमुख नियुक्त किया गया था।
शत्रुघ्न सिन्हा 2019 में कांग्रेस के टिकट पर पटना साहिब से चुनाव लड़े, लेकिन वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा | कांग्रेस में रहते हुए लगातार मिली हार के बाद शत्रुघ्न सिन्हा ने टीएमसी का दामन थाम लिया. जिसके बाद उन्होंने आसनसोल से लोकसभा उपचुनाव में टीएमसी का उम्मीदवार बनाया गया |[4]इस चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा ने बड़े अंतर से जीत हासिल की है. शत्रुघ्न सिन्हा करीब दो लाख वोटों के अंतर से जीता . उनका मुकाबला भाजपा प्रत्याशी अग्निमित्रा से था |[5]