शांतनु महाभारत के एक प्रमुख पात्र हैं। वे हस्तिनापुर के महाराज प्रतीप के पुत्र थे। उनका विवाह गंगा से हुआ था। देवी गंगा से देवव्रत नाम का पुत्र हुआ। यही देवव्रत आगे चलकर महाभारत के प्रमुख पात्र भीष्म के नाम से जाने गए। शान्तनु का दूसरा विवाह निषाद कन्या सत्यवती से हुआ था। इस विवाह को कराने के लिए ही देवव्रत ने राजगद्दी पर न बैठने और आजीवन कुँवारा रहने की भीष्म प्रतिज्ञा की जिसके कारण उनका नाम भीष्म पड़ा। सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए।
सन्दर्भ क: कुरु साम्राज्य के संस्थापक कुरु थे। इसके बाद राजा शांतनु। शांतनु सत्यवती से विवाह के पहले गंगा के पति थे।
ग: विचित्रवीर्य के निधन के बाद व्यास से धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ। च: कुंती को विवाह से पहले कर्ण पैदा हुआ। ड: पांडव पांडु के पुत्र थे। लेकिन देवताओं के वर प्रभाव से कुंती और माद्री को ये पुत्र उत्पन्न हुए। यम धर्मराज से युधिष्ठिर,वायु से भीम,इंद्र से अर्जुन,माद्री को अश्वनी देवताओं से जुड़वां बच्चे नकुल, सहदेव हुए। त: दुर्योधन और उसके सौ भाई एक बार पैदा हुए। न: पांडवों को द्रौपदी से पाँच पुत्र उत्पन्न हुए। उनको उपपांडव कहते थे। : ** युधिष्ठिर से प्रतिविंध्य, भीम से शृतसोम, अर्जुन से शृतकर्म, नकुल से शतानीक, सहदेव से शृतसेन का जन्म हुआ।
महत्वपूर्ण संकेत
पुरष: blue border स्त्री: red borderपांडव: हरे रंग बॉक्सकौरव: पीले बॉक्सउपपांडव: गुलाबी बॉक्स