शारदा घोटाला (बंगाली : সারদা কেলেঙ্কারী) भारत के पश्चिम बंगाल राज्य का एक बड़ा आर्थिक घोटाला तथा राजनीतिक काण्ड है।
पश्चिम बंगाल की चिटफंड कंपनी शारदा ग्रुप ने 2008 में आम लोगों के ठगने के लिए कई लुभावन ऑफर दिए। सागौन से जुड़े बॉन्ड्स में निवेश से 25 साल में रकम 34 गुना करने का ऑफर दिया। वहीं आलू के कारोबार में निवेश के जरिए 15 महीने में रकम दोगुना करने का सब्जबाग दिखाया। 10 लाख लोगों से पैसे लिये। जब रकम लौटाने की बारी आई तो 20,000 करोड़ रुपये लेकर दफ्तरों पर ताला लगा दिया। 03 फरवरी 2019 को इस सम्बन्ध में सीबीआई बंगाल के कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंच गयी, ममता बनर्जी ने उनके सविंधान बचाव में धरना दिया। यह धरना केंद्र की मोदी सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के बीच के राजनीतिक प्रतिद्वंदी का स्पष्ट झलक है।
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