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सामान्यतः वर्ष की समाप्ति के बाद व्यापारी द्वारा समस्त लेखों को योग कर उन्हें बंद करने की कार्यवाही की जाती है एवं समस्त खातों के शेष निकाले जाते हैं। इन शेषों के आधार पर एक सूची तैयार की जाती है जिसे शेष परीक्षण (ट्रायल बैलेंस)[1] या तलपट या परीक्षा सूची कहा जाता है।
इस तलपट में डेबिट शेषों का जोड़ क्रेडिट शेषों के जोड़ के बराबर होना चाहिए। यदि तलपट के दोनों पक्षों का योग बराबर नहीं है तो इसका अर्थ यह है कि लेखों में गणितीय अशुद्धि है जिसे खोज कर दूर किया जाता है। बाद में तलपट के आधार पर अंतिम लेखे तैयार किए जाते हैं।
वितीय विवरण पत्रक को तैयार करने से पहले तलपट तैयार किया जाएगा। तलपट ऐसी सूची है जिसमें खाताबही के विभिन्न लेखा शीर्षों के क्रेडिट एवं डेबिट शेषों को बताया जाता है। तलपट में लिखित डेबिट एवं क्रेडिट शेषों के योग में समानता, व्यवहार की गणितीय शुद्धता सुनिश्चित करना है। सभी खातों के शेष उपलब्ध हो जाने से वित्तीय विवरण पत्रक तैयार करने में सहायता होती है। हालांकि तलपट पूर्ण रूप से शुद्धता का प्रमाण नहीं है।
तलपट निम्नानुसार प्रारूप में तैयार किया जाएगा :-
तलपट दिनांक ......................... से दिनांक .................... तक
लेखा कोड क्र | विवरण | डेबिट (रू.) | क्रेडिट (रू.) |
---|---|---|---|
योग |
सामान्य खाताबही से तलपट तैयार करते समय निम्न बातें ध्यान में रखनी होगी :-
चूंकि हर डेबिट प्रविष्टि के समतुल्य क्रेडिट प्रविष्टि की जाती है तदानुसार डेबिट शेष के विभिन्न लेखा शीर्षों का शेष, क्रेडिट शेष के समस्त लेखों के शेष के समतुल्य होगा। जब कि सामान्यतः तलपट यथार्थता की पहली परीक्षा है।
कभी-कभी दोनों पक्षों अर्थात डेबिट एवं क्रेडिट का जोड़ बराबर होता है फिर भी त्रुटियाँ होती है। निम्न त्रुटियों की जानकारी तलपट से नहीं हो पाती है :-
यदि तलपट का योग बराबर न हो तो गलतियों का पता लगाने हेतु निम्नानुसार कदम उठाए जाते हैं।