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संजय ख़ान | |
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आवास | बैंगलोर, कर्नाटक, भारत |
पेशा | अभिनेता, निदेशक, चलचित्र निर्माता |
कार्यकाल | १९६४-२००५ |
धर्म | इसलाम |
जीवनसाथी | जरीन कतरक् (१९५५ - अब तक) |
बच्चे | फराह खान अली,जायद खान |
संजय ख़ान हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं।
संजय खान ने चेतन आनंद की फिल्म 'हक़ीक़त' से बॉलीवुड में शुरुआत की। वह फ़िरोज़ खान के छोटे भाई है। संजय खान का जन्म 3 जनवरी 1940 को बेंगलुरु में हुआ था। उनका असली नाम शाह अब्बास खान है।
वह सादिक अली खान तनोली और बीबी फातिमा बेगम के बेटे हैं। संजय खान ने ज़रीन खान से शादी की और उनके 4 बच्चे हैं: फराह अली खान, साइमन अरोरा, सुज़ैन खान और जायद खान। संजय ने राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म दोस्ती में काम किया था जिसे 1964 में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
उन्होंने जीनत के साथ अब्दुल्लाह, ढूंढ जैसी फिल्मों में काम किया है।[1][2][3]
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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1986 | काला धंधा गोरे लोग | राजा | |
1980 | अब्दुल्ला | ||
1977 | चाँदी सोना | ||
1977 | मस्तान दादा | ||
1976 | नागिन | सूरज | |
1974 | दुनिया का मेला | ||
1974 | त्रिमूर्ति | विजय | |
1973 | धुंध | ||
1972 | बाबुल की गलियाँ | ||
1972 | अनोखी पहचान | ||
1972 | वफ़ा | श्याम ठाकुर | |
1970 | पु्ष्पांजली | ||
1969 | इंतकाम | ||
1966 | दस लाख | ||
1964 | दोस्ती | अशोक |
वर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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1986 | काला धंधा गोरे लोग | |
1980 | अब्दुल्ला | |
1977 | चाँदी सोना |
saans bhi kabhi bahu thi 1970