संजय टंडन | |
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जन्म |
10 सितम्बर 1963 अमृतसर, भारत |
आवास | चंडीगढ़, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
शिक्षा | बीकॉम (ऑनर्स), चार्टर्ड अकाउंटेंट, सीडब्ल्यूए, इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेट ऑफ़ इंडिया |
शिक्षा की जगह | दयानंद एंग्लो वैदिक विद्यालय |
पेशा | कॉम्पिटेंट ग्रुप के चेयरमैन |
राजनैतिक पार्टी | भारतीय जनता पार्टी |
बोर्ड सदस्यता | वर्तमान में गेल बोर्ड के निदेशक, एनएचपीसी लिमिटेड (पूर्व में), स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (पूर्व में) |
जीवनसाथी | प्रिया एस टंडन |
वेबसाइट आधिकारिक वेबसाइट |
संजय टंडन (जन्म १० सितंबर १९६३ [1]) भारतीय जनता पार्टी में एक भारतीय राजनेता है। वह वर्तमान में चंडीगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के राज्य अध्यक्ष हैं। उनके पिता बलराम दास टंडन हैं, जो पंजाब के एक वरिष्ठ सम्मानित भाजपा नेता थे।[2] उन्होंने १४ वर्षों तक पंजाब में नगर सलाहकार के रूप में कार्य किया और पंजाब में ६ विधानसभा चुनाव जीते। ४ अलग-अलग मौकों पर उन्होंने पंजाब के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के पद का पदभार संभाला। संजय ने अपने पिता की जीवनी "बलरामजी दास टंडन: एक प्रेरक चरित्र" लिखी है, जिसे सरदार प्रकाश सिंह बादल के साथ चंडीगढ़ के टैगोर थियेटर में लालकृष्ण आडवाणी द्वारा रिलीज की गयी थी।[3][4] उनके दामाद न्यायमूर्ति मदन मोहन पुंछी हैं जो १९९८ में भारत के मुख्य न्यायधीश के रूप से सेवानिवृत्त हुए थे।[5]
संजय टंडन ने चंडीगढ़ में दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज, से अपनी उच्च विद्यालयी शिक्षा पूरी की। जिसके बाद, संजय ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अपने बीकॉम (एकाउंटेंसी में ऑनर्स) किया। यह भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान के एक साथी सदस्य हैं[6][7]और भारत के आईसीडब्लूएआई के एक सहयोगी सदस्य भी हैं।
संजीव टंडन एक चार्टर्ड एकाउंटिंग फर्म (एस टंडन एंड एसोसिएट्स) के प्रबंध भागीदार, लेखा परीक्षा और परामर्श सेवाओं के लिए जाने जाते हैं। उनकी कंपनी कॉम्पिटेंट सिनर्जीज कॉल सेंटर और बीपीओ चलाती है जो ५००० से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करती है।
संजय टंडन ने अपनी पत्नी के साथ पांच पुस्तके लिखी है जिसमें प्रेरणादायक छोटी कहानियां हैं जो निन्म नामों से है-
पुस्तक का नाम | प्रस्तावना |
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सनराइज फॉर संडे* | राजनाथ सिंह |
सनराइज फॉर मंडे* | नितिन गडकरी |
सनराइज फॉर थर्स डे | अरुण जेटली |
सनराइज फॉर वेनस डे | नरेंद्र मोदी |
सनराइज फॉर थर्स डे | सुषमा स्वराज |
(*ये सभी हिंदी और तेलुगु भाषा में भी लिखी गयी है।) |
इन्होंने "बलरामजी दास टंडन - एक प्रेरक चरित्र" नामक अपने पिता की जीवनी भी लिखी।
संजय टंडन ने एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को "सक्षम फाउंडेशन" के नाम से पदोन्नत किया है।[19]